Hindi, asked by sravanimaganti7995, 1 year ago

Ek fati pustak ki atmakatha essay in hindi class 8

Answers

Answered by pranesh1
7
search in net and getanswers
Answered by GameChanger74
1

Answer:

मैं एक फटी हुई पुस्तक हूँ। मेरा जन्म एक बड़ी कागज़ की फैक्ट्री में हुआ। वहां पहले कागजों को बनाया गया। उसके बाद कागजों को जोड़कर मुझे एक सुंदर सी पुस्तक का रूप दिया गया। मेरा कवर और पन्ने देखने में बहुत सुंदर थे। कवर पर सुंदर सुंदर फूल और चिड़ियाँ बनी थीं। मुझे इस प्रकार तैयार करके एक दुकान में भेज दिया गया।

एक दिन उस दुकान में मोहन नाम का एक विद्यार्थी आया। उसने मुझे खरीद लिया और अपने घर ले गया। उसने बड़ी उत्सुकता से मेरे पन्नों को देखा और कवर पर अपना नाम लिखा। अगले दिन वह मुझे अपने स्कूल ले गया। उसने अपने सब मित्रों को मुझे दिखाया। सबने मेरी बहुत प्रशंसा करी।

मोहन मुझे पाकर बहुत खुश था। वह रोज़ मेरे पन्नों पर लिखकर पढ़ता था। इस तरह कई वर्ष बीत गए। मोहन बड़ा हो गया। मैं पुरानी हो गयी। समय के साथ मेरे पन्ने पीले और कमज़ोर हो गए। मेरे कागज़ किनारे से फटने लगे और अनेक पन्ने निकल गए।

यह देखकर मोहन ने मुझे अलमारी में एक जगह रख दिया। तब से मैं यहीं रहती हूँ। मोहन अभी भी मुझे बहुत चाहता है। वह कभी कभी अलमारी को खोलकर मुझे बाहर निकालता है और मुझे देखकर बहुत प्रसन्न होता है।

Similar questions