एक आयताकार दंड चुंबक का उत्तरी ध्रुव पब्लिक दक्षिण की और रखकर बल दिखाएं खींचना एवं उदासीन बिंदु ज्ञात करना एन एस
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उत्तर चुम्बकीय ध्रुव पृथ्वी सतह के उत्तरी गोलार्ध स्थित एक चलायमान बिन्दु है जो जहाँ पर पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र के बिन्दु उर्ध्वाधर रूप से नीचे की और होते हैं (दूसरे शब्दों में अगर चुम्बकीय कम्पास की सुई क्षैतिज अक्ष पर घूमती है, तो यह सीधे नीचे की ओर चली जाती है)। यह घटना केवल एक स्थान पर ही होती है, जो कि उत्तरी ध्रुव और भूचुम्बकीय उत्तर ध्रुव के निकट (मगर अलग) स्थित है।
उत्तर चुम्बकीय ध्रुव की अवस्थिति में समय के साथ बदलाव का कारण पृथ्वी की बाह्यक्रोड में होने वाले चुम्बकीय परिवर्तन हैं।[1] सन 2001 में सबसे पहले इसकी अवस्थिति का निर्धारण कनाडा भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के द्वारा उत्तरी कनाडा के एल्ज़्मेयर द्वीप के पश्चिम में 81°18′N 110°48′W / 81.3°N 110.8°W निर्देशांकों पर किया गया।[2] यह 2005 में 83°06′N 117°48′W / 83.1°N 117.8°W निर्देशांकों पर स्थित था। 2009 में यह कनाडाई आर्कटिक प्रादेशिक क्षेत्रों में ही 84°54′N 131°00′W / 84.9°N 131.0°W,[3] निर्देशांकों पर स्थित था और यह रूस की ओर प्रति वर्ष 55 और 60 किलोमीटर (34 और 37 मील) की गति से खिसक रहा था।[4] 2017 में यह बिन्दु कनाडाई आर्कटिक प्रादेशिक क्षेत्रों के आगे खिसककर 86°30′N 172°36′W / 86.5°N 172.6°W निर्देशांकों पर चला गया।[3] 2019 की रिपोर्ट के अनुसार यह बिन्दु कनाडा से साइबेरिया की तरफ़ 55 किमी (34 मील) प्रतिवर्ष की दर से खिसक रहा है।[5]
इसका दक्षिणी गोलार्ध का समकक्ष दक्षिण चुम्बकीय ध्रुव है। चूँकि पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र पूरी तरह से सममित नहीं है इसलिये उत्तर व दक्षिण चुम्बकीय ध्रुव एक दूसरे के प्रतिलोम नहीं हैं। इसका अर्थ यह है कि अगर हम दोनों चुम्बकीय ध्रुवों से एक सीधी रेखा खींचे तो यह पृथ्वी के मध्य बिन्दु से होकर नहीं जायेगी।
पृथ्वी के उत्तर व दक्षिण चुम्बकीय ध्रुवों को चुम्बकीय गर्त ध्रुव भी कहते हैं क्योंकि इन बिन्दुओं पर चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं में उर्ध्वाधर "गर्त" होता है।[6]