Hindi, asked by surendharreddy52, 2 months ago

एक गांव के किनारे एक खेत में एक चतुर कौवा और एक भोलू कबूतर रहा करते थे। कबूतर भोला भाला और सीधा साधा था, जबकि कौवा बहुत चालाक था। कौवे का स्वभाव भी खराब था तथा स्वार्थी और अहंकारी था। कौवा कभी किसी के सुख दुख में साथ नहीं देता था । जबकि इसके विपरीत कबूतर दयालु और परोपकारी था और सर्वदा दूसरों के सुख दुख में साथ देता था।
एक दिन कबूतर को खाने के लिए कुछ नहीं मिला । वह भूखा ही इधर-उधर देखता रहा तभी कौवा एक रोटी लेकर आया और कबूतर ने सोचा कि संभवत वह थोड़ी बहुत रोटी उसको दे देगा। लेकिन कौवे ने तो कबूतर से पूछा तक नहीं और चुपचाप पूरी रोटी खा गया।
थोड़े दिनों बाद एक दिन कौवे को खाने के लिए कुछ नहीं मिला और कबूतर को रोटी मिल गई भूख से व्याकुल कौवे ने जैसे ही कबूतर के मुंह में रोटी देखी, तो वह झट से कबूतर के पास आकर बोला- मित्र! आज मेरी तबीयत बहुत खराब हो रही है। अब तो उठने बैठने कीमत भी नहीं रही है । ऐसे लगता है जैसे मेरे पेट में कोई बार-बार चिल्ला रहा है।
मैं कहीं से दवाई लाकर दूं तुम्हें- कबूतर ने बड़ी सहजता से पूछा। नहीं नहीं मित्र दवाई की कोई आवश्यकता नहीं है मेरी पीड़ा रोटी से दूर हो सकती है । लेकिन तुम्हारे पास तो एक ही रोटी है इसे तुम खाओगे या मैं ? कौवे ने बड़ी चतुराई से कहा।
भोला भाला कबूतर कौए की बातों में आ गया और अगले ही पल वह अपनी रोटी उसे देते हुए बोला- लो मित्र! पहले तुम खा लो यह रोटी। ताकि तुम्हारी पीड़ा दूर हो सके। मैं तो भूख को सहन कर लूंगा ।
कौवा तो बस इसी ताक में था। वह झट से कबूतर की रोटी को पकड़ लिया और मन ही मन बहुत खुश होने लगा कि उसने कितनी चालाकी से कबूतर की रोटी प्राप्त कर ली।
उसके पास ही बैठा कुत्ता यह सब देख रहा था जो पहले से ही रोटी पाने की फिराक में था लेकिन दोनों पंछियों की नजरों में वह नहीं आया था।
जैसे ही कौवे ने रोटी पकड़ी उसने उछलकर कौवे को धर दबोचा कौवा चिल्लाता ही रह गया -अरे मैंने चालाकी से रोटी प्राप्त की है। इसे ले लो मुझे छोड़ दो..।
लेकिन अब क्या था । दूसरों के भोलेपन का नाजायज फायदा उठाने की सजा से वह बच नहीं सका।
कबूतर यह सोचते हुए उड़ गया कि ‘ईश्वर जो भी करता है अच्छा ही करता है ‘ यदि रोटी मेरे पास होती तो मृत्यु सुनिश्चित थी लेकिन कौवे ने मेरे साथ धोखा किया इसलिए यह सजा उसे मिल गई।


anybody please give moral for this story in hindi​

Answers

Answered by sonam9262yadav
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moral of the story

● जो भी होता है अच्छे के लिए ही होता है

● दोस्ती दिल से की जाती है दिमाग से नहीं

hope it will help you!!!

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