Hindi, asked by rushupatel256, 6 months ago

एक गांव पीने के पानी का समस्या दूर दूर से पानी लाना सभी को परीक्षा सभा का आयोजन मिलकर श्रम नार का निर्णय दूसरे दिन से केवल एक आदमी काम में जुटना धिरे धिरे एक एक का आना सारा श्रमदान में गाँव के तालाब की सफाई प्लास्टिक निकालना बर्सात में तालाब का व स्वच्छ पानी के भरना​

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Answered by vanshr316
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Answer:

जल नहीं तो जीवन नहीं। पर इस बड़े तथ्य को जानने के बाद भी हम कहीं ज्यादा गंभीर नहीं दिखाई देते। टुकड़ों-टुकड़ों में सही पानी फिर भी हमें मिल ही जाता है। और इसलिए हम इसे एक बड़ी महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में दर्ज नहीं कर पाए हैं।

Answered by priyakalal119
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स्वछता और मेहनत

एक छोटा सा गांव था जिसका नाम रामपुर था एक दिन अचानक पीने के पानी मैं बदबू एवं टेस्ट खराब लगा जिसके कारण बच्चे बूढ़े सभी को तकलीफ होने लगी वह पानी पीने से सभी को कई बीमारियों से गुजरना पड़ता इसलिए गांव वाले लोगों ने वह पानी नहीं पिया और उसी की वजह से उन्हें दूर दूर से पानी लाने की दिक्कत उठानी पड़ी वे सब बहुत चिंतित है 1 दिन थोड़े गांव के लोग आगे आकर श्रमदान का निर्णय लिया लेकिन कुछ ही लोग थे वे उसी के दूसरे दिन अचानक एक आदमी सामने आकर बोला कि वह तैयार है श्रमदान करने के लिए उसी की बात से प्रेरित होकर थोड़े और लोग आगे आए और उन्होंने भी श्रमदान का निर्णय अपनाया वैसे ही थोड़े थोड़े कर सभी गांव के लोग श्रमदान के लिए तैयार हो गए | सभी गांव के लोग दिन रात मेहनत कर रहे थे | सभी लोग एकजुट होकर काम कर रहे थे | उन्होंने तालाब भी स्वच्छ किया ,और उसी के साथ प्लास्टिक वगेरे भी साफ किया | उनको एक रास्ता दिख रहा था कि अब समस्या दूर होगी और उनको अपना मेहनत का फल मिलेगा | क्योंकि उस दिन अचानक बरसात हुई और तालाब में स्वच्छ पानी भर गया | सभी लोगों को स्वच्छता का एक पाठ भी मिला और पानी बचत के लिए प्रेरित भी हुए |

सिख : मेहनत का फल मीठा होता है |

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