एक गाँव - पीने के पानी की समस्या - दूर-दूर से पानी लाना - सभी लोग परेशान - सभा का आयोजन मिलकर श्रमदान का निर्णय - दूसरे दिन से - केवल एक आदमी - काम में जुटना - धीरे धीरे एक-एक का आना - सारा गाँव श्रमदान में - गाँव के तालाब की सफाई - कीचड, प्लास्टिक निकालना - बरसात में तालाब का स्वच्छ पानी से भरना - सीख।
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स्वछता और मेहनत
एक छोटा सा गांव था जिसका नाम रामपुर था एक दिन अचानक पीने के पानी मैं बदबू एवं टेस्ट खराब लगा जिसके कारण बच्चे बूढ़े सभी को तकलीफ होने लगी वह पानी पीने से सभी को कई बीमारियों से गुजरना पड़ता इसलिए गांव वाले लोगों ने वह पानी नहीं पिया और उसी की वजह से उन्हें दूर दूर से पानी लाने की दिक्कत उठानी पड़ी वे सब बहुत चिंतित है 1 दिन थोड़े गांव के लोग आगे आकर श्रमदान का निर्णय लिया लेकिन कुछ ही लोग थे वे उसी के दूसरे दिन अचानक एक आदमी सामने आकर बोला कि वह तैयार है श्रमदान करने के लिए उसी की बात से प्रेरित होकर थोड़े और लोग आगे आए और उन्होंने भी श्रमदान का निर्णय अपनाया वैसे ही थोड़े थोड़े कर सभी गांव के लोग श्रमदान के लिए तैयार हो गए | सभी गांव के लोग दिन रात मेहनत कर रहे थे | सभी लोग एकजुट होकर काम कर रहे थे | उन्होंने तालाब भी स्वच्छ किया ,और उसी के साथ प्लास्टिक वगेरे भी साफ किया | उनको एक रास्ता दिख रहा था कि अब समस्या दूर होगी और उनको अपना मेहनत का फल मिलेगा | क्योंकि उस दिन अचानक बरसात हुई और तालाब में स्वच्छ पानी भर गया | सभी लोगों को स्वच्छता का एक पाठ भी मिला और पानी बचत के लिए प्रेरित भी हुए |
सिख : मेहनत का फल मीठा होता है |
एक गाँव - पीने के पानी की समस्या - दूर-दूर से पानी लाना - सभी लोग परेशान - सभा का आयोजन मिलकर श्रमदान का निर्णय - दूसरे दिन से - केवल एक आदमी - काम में जुटना - धीरे धीरे एक-एक का आना - सारा गाँव श्रमदान में - गाँव के तालाब की सफाई - कीचड, प्लास्टिक निकालना - बरसात में तालाब का स्वच्छ पानी से भरना - सीख।
दिए गए बिंदुओं पर आधारित कहानी इस प्रकार होगी :
एक तालाब था, जहाँ पर पीने की बहुत समस्या थी। गाँव में पीने के पानी के लिए एक तालाब था। लेकिन तालाब का पानी बहुत गंदा था जो पीने योग्य नहीं था। इसी कारण गाँव के लोगों को गाँव से बहुत दूर जाकर दूसरे गांव से पानी लाते थे। इस कारण गाँव के लोगों का अधिकतर समय पानी रहने में ही निकल जाता था। गाँव के सभी लोग इस समस्या से बेहद परेशान थे।
एक बार गाँव के लोगों की सभा का आयोजन किया गया। उस सभा में गाँव के प्रमुख लोगों ने यह निर्णय लिया कि गाँव में जो तालाब है, उसकी साफ सफाई की जाए और उसका पानी पीने योग्य बनाया जाए। थोड़े दिनों में बरसात आने वाली है तब उसमें स्वच्छ पानी भर जाएगा और गाँ की पानी की पीने की समस्या खत्म हो जाएगी। ऐसा निर्णय लेकर गाँव के मुखिया ने गाँव के लोगों से कहा कि सभी लोग तालाब की साफ सफाई में अपना श्रमदान करेंगे तभी यह कार्य संभव हो सकता है।
अगले दिन यह कार्य आरंभ हुआ लेकिन श्रमदान करने के लिए केवल एक ही आदमी आया ।मुखिया अपने सहयोगी साथ तालाब की सफाई करने लगा धीरे-धीरे और लोग आते गए और तालाब के सफाई के कार्य में लोगों की संख्या बढ़ती गई। कुछ ही दिनों में तालाब की पूरी तरह से साफ सफाई हो गई और उसमें से कीचड़ प्लास्टिक तथा दूसरा कूड़ा कचरा निकाल लिया गया। अब तालाब पूरी तरह साफ हो चुका था लेकिन उसमें पानी नहीं था।
अगले महीने बारिश शुरू हो गई और तालाब में पीने का पानी भर गया। इस तरह गाँव के लोगों को पानी की समस्या दूर हो गई और उन्हें स्वच्छ पीने का पानी मिलने लगा। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें मिलजुल कर कार्य करने चाहिए और स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
#SPJ3
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