एक किसान के बगीचे में फलों के अनेक पेड़ लगे हुए थे । उसमें रसीले मीठे - मीठे फल 10 लगते थे । किसान बड़ा सीधा - सादा था । उसने सोचा कि यह बगीचा तो मेरे अम की देन है किन्तु जिस भूमि पर मेरा बगीचा है वह तो जमींदार की है । इस तरह इन फलों पर उसका भी हक बनता है । एक दिन वह रसीले फलों की टोकरी भरकर जमींदार को दे आया ? जनीदार ने जब किसान को बगीचों के फल चखे तो वह दंग रह गया । इनते मीठे व स्वादीष्ट फलों का सेवन उसने आज तक नहीं किया था । उसने सेवकों को आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़े उखाड़ लाएँ । उसके सेवक भी कड़े मन से बेचारे किसान के यहाँ से जड़े उखाड़ लाए और 1 of 4 जमींदार के बगीचे में रोप दिया । जमीदार ने माली को आदेश किया कि उनका रखरखाव ध्यान से कहें । एक दिन उसने देखा कि पेड़ की जड़े लाख प्रयत्नों के बावजूद मुरझाती जा रही थी । माली से इसका कारण पूछा तो वह डरते - डरते बोला . ' मालिक क्षमा कीजिएगा . किन्तु यह लोभ का फल है । किसान ने यहाँ पेड़ की जड़ें प्रेम , सद्भावना व निःस्वार्थ भावना से पनप रही थी पर अब लोभ व स्वार्थ के कारण सड़ चुकी हैं । माली की बात सुनकर राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ
9. उपर्युक्त गद्यांश से प्राप्त सीख को संक्षेप में लिखें
Answers
Answer:
एक किसान के बगीचे में फलों के अनेक पेड़ लगे हुए थे । उसमें रसीले मीठे - मीठे फल 10 लगते थे । किसान बड़ा सीधा - सादा था । उसने सोचा कि यह बगीचा तो मेरे अम की देन है किन्तु जिस भूमि पर मेरा बगीचा है वह तो जमींदार की है । इस तरह इन फलों पर उसका भी हक बनता है । एक दिन वह रसीले फलों की टोकरी भरकर जमींदार को दे आया ? जनीदार ने जब किसान को बगीचों के फल चखे तो वह दंग रह गया । इनते मीठे व स्वादीष्ट फलों का सेवन उसने आज तक नहीं किया था । उसने सेवकों को आदेश दिया कि किसान के यहाँ से पेड़ों की जड़े उखाड़ लाएँ । उसके सेवक भी कड़े मन से बेचारे किसान के यहाँ से जड़े उखाड़ लाए और 1 of 4 जमींदार के बगीचे में रोप दिया । जमीदार ने माली को आदेश किया कि उनका रखरखाव ध्यान से कहें । एक दिन उसने देखा कि पेड़ की जड़े लाख प्रयत्नों के बावजूद मुरझाती जा रही थी । माली से इसका कारण पूछा तो वह डरते - डरते बोला . ' मालिक क्षमा कीजिएगा . किन्तु यह लोभ का फल है । किसान ने यहाँ पेड़ की जड़ें प्रेम , सद्भावना व निःस्वार्थ भावना से पनप रही थी पर अब लोभ व स्वार्थ के कारण सड़ चुकी हैं । माली की बात सुनकर राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ
9. उपर्युक्त गद्यांश से प्राप्त सीख को संक्षेप में लिखें