Hindi, asked by sainitamanna06, 4 months ago

एक मौलिक कहानी लिखिए जिसके अंत में यह वाक्य लिखा गया हो संघर्षों से हारने मानना ही जिंदगी का दूसरा नाम है.

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Answered by vaishnavithorave
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Answer:

एक बार एक लड़के ने पेड़ के पास एक तितली के खोल को देखा| उसने देखा कि तितली खोल से बाहर निकलने के लिए बार बार संघर्ष कर रही थी| उस लड़के को तितली पर दया आ गयी और उसने तितली की मदद करने की कोशिश की| उस लड़के ने खोल को तोड़ दिया और तितली को बाहर निकाल दिया| लेकिन कुछ ही देर में तितली मर गयी|लड़के को यह समझ नहीं आ रहा था कि वह तितली कैसे मर गयी और उसने सारी बात अपनी माँ को बताई| माँ ने उसे कहा – “संघर्ष ही प्रकृति का नियम है और खोल से बाहर आने के लिए तितली को जो संघर्ष करना पड़ता है उससे उसके पंखों और शरीर को मजबूती मिलती है| तुमने तितली की मदद करके उसे संघर्ष करने का मौका नहीं दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गयी”|जिराफ का बच्चा जब जन्म लेता है तो वह माँ के गर्भ से 10 फीट की ऊंचाई से पीठ के बल गिरता है। गिरने के बाद उसमें उठकर खड़े होने की शक्ति नहीं होती|

जब जिराफ का बच्चा खड़ा नहीं होता तो उसकी माँ उसे बार-बार जोर-जोर से लातें मारती है और वह बच्चा तब तक यह लातें खता रहता है जब तक कि वह उठकर खड़ा नहीं हो जाता| और कुछ देर बाद वह बच्चा डगमगाते हुए उठ कर खड़ा हो जाता है|

अगर जिराफ़ के बच्चे को अपनी माँ से यह लाते खाने को न मिले तो वह खड़े होने से पहले ही शेर या अन्य शिकारी जानवर के पेट में पहुँच जाए|तितली और जिराफ की तरह हर प्राणी को संघर्षों का सामना करना पड़ता है| प्रकृति का यही नियम हैं और जो व्यक्ति इस नियम को समझ जाता है वह सफल हो जाता है|

सफलता की हर कहानी एक असफलता की कहानी भी है| जो व्यक्ति असफलता को चुनौती समझकर स्वीकार करता है वह असफलता को हरा देता है और जो व्यक्ति असफलता से डर जाता है वह कुछ नहीं कर पाता| इस से यह साबित होता है की संघर्षो से हार न मानना ही जिंदगी का दुसरा नाम है।

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