Biology, asked by maahira17, 10 months ago

एक पुष्य में निषेचन-पश्च परिवर्तनों की व्याख्या करें?

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Answered by nikitasingh79
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एक पुष्य में निषेचन-पश्च परिवर्तनों की व्याख्या निम्न प्रकार से है :  

निषेचन के बाद, अंडाशय से फल और बीजाण्डों से बीज बनते हैं । बीजाण्ड में भ्रूणपोष के विकास के साथ-साथ अध्यावरण सूखकर सख्त हो जाते हैं और बीज कवच बनाते हैं। बीजाण्डकाय समाप्त हो जाता है लेकिन कुछ बीजों में यह एक पतली परत के रूप में शेष बचा रहता है, जिसे पेरीभ्रूणपोष कहते हैं।  

वाह्य दल : प्राय: ये मुरझा कर गिर जाते हैं परंतु कई पादपों में चिरलग्न होते हैं उदाहरण - टमाटर , बैंगन आदि में।  

भ्रूण कोष में :  

  • अण्ड कोशिका भ्रूण बनाती है।
  • सहायक कोशिकाएं  नष्ट हो जाती हैं।
  • प्रति मुखी कोशिकाएं  नष्ट हो जाती है।
  • द्वितीयक केंद्रक में भ्रूण पोष बनाता है, जो भ्रूण के परिवर्धन के समय भ्रूण के पोषण के काम आता है।  

आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।

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Answered by Anonymous
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Explanation:

पुष्पीय पौधों में दोहरा निषेचन तथा त्रिक संलयन) होता है। इसके फलस्वरूप भ्रूणकोष में द्विगुणित युग्मनज तथा त्रिगुणित प्राथमिक भ्रूणपोष केन्द्रक बनता है।

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