एक सिरे पर खुली तथा दूसरे सिरे पर चलायमान पिस्टन लगी 1 m लंबी नलिका, किसी नियत आवृत्ति के स्रोत (340 Hz आवृत्ति का स्वरित्र द्विभुज) के साथ, जब नलिका में वायु कॉलम 25.5 cm अथवा 79.3 cm होता है तब अनुनाद दर्शाती है । प्रयोगशाला के ताप पर वायु में ध्वनि की चाल का आकलन कीजिए। कोर-प्रभाव को नगण्य मान सकते हैं।
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प्रयोगशाला के ताप पर वायु में ध्वनि की चाल का आकलन।
Explanation:
दिया है -
नलिका में पहला वायु कॉलम L1 = 25.5 cm
नलिका में दूसरा वायु कॉलम L2= 79.3 cm
इस तरह पिस्टन लगे सिस्टम में यदि अनुनाद होता है तो निन्म सूत्र का उपयोग करते हैं।
L = तरंगदैर्ध्य /4
तरंगदैर्ध्य = 2 × ( L2 - L1)
= 2 × ( 79.3 - 25.5)= 2 × 53.8
= 107.6 cm
वायु में ध्वनि की चाल = f ×तरंगदैर्ध्य = 340 × 1.076 m/s = 365.84 m/s है।
तात्क्षणिक चाल हमेशा तात्क्षणिक वेग के बराबर होती है । क्यों ?
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