एक सच्चे साधु के विषय में अपने विचार लिखिए
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Answer:
सच्चा साधु तो हर जगह केवल परम प्रभु की कृपा का ही चमत्कार देखता है। कभी उसका श्रेय स्वयं नहीं लेता।
‘दमस्कार’ के दूर रहने का अर्थ है कि सच्चा साधु कभी अपने लिए धन एकत्र नहीं करता और न किसी से धन की याचना करता है। वह केवल अपनी आवश्यकता की न्यूनतम वस्तुएं माँग सकता है, कोई संग्रह नहीं करता। धन माँगने और संग्रह करने वाला व्यक्ति निश्चय ही ढोंगी होता है, सच्चा साधु नहीं। अपने रहने के लिए भी वह केवल एक छोटा सा आश्रम या कमरा या झोंपड़ी बना सकता है और साधारण तरीके से रह सकता है। आडम्बरपूर्ण 5 स्टार आश्रम बनाने वाले और चाहे कुछ भी हों, पर सच्चे साधु तो बिल्कुल नहीं हो सकते।
Answer:
is vidvan ke anusar sache sadhu teen baaton se hamesha dur rehta hai-namaskar,chamatkar or damastkar inke arth jaata vistar se batana avashyak hai :
Explanation:
namaskar se dur rhene ka arth hai ki sacha sadhu keval apne se bade sadhu ko pranam karta hai,kisi grahasthi ko kabhi nhi,chahe veh kitna bhi prabjavshali ya shaktishali kyu na ho