Hindi, asked by afifa4988, 3 months ago

एक तेरी ही नहीं, सुनसान राहें और भी हैं,
कल सुबह की इंतज़ारी में निगाहें और भी हैं।
और भी होंठ जिन पर
वेदना मुस्कान बनती,
नींद तेरी ही न केवल
स्वप्न की पहचान बनती।​

Answers

Answered by prajapatijigar656
2

Answer:

hii

good morning

how are you ?

have a nice day ahead

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