एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक को अपनी कविता प्रकाशित करवाने का अनुरोध करते हुए एक पत्र 80-100
शब्दों में लिखिए।
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अपने जीवन के विषाद, विष, अंधेरे को निराला ने जिस तरह से करुणा और प्रकाश में बदला, वह हिंदी साहित्य में अद्वितीय है.
सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’. (जन्म: 21 फरवरी 1896 – मृत्यु: 15 अक्टूबर 1961)
निराला की मृत्यु के बाद धर्मवीर भारती ने निराला पर एक स्मरण-लेख लिखा था. उसमें उन्होंने निराला की तुलना पृथ्वी पर गंगा उतार कर लाने वाले भगीरथ से की थी. धर्मवीर भारती ने लिखा है:
‘भगीरथ अपने पूर्वजों के लिए गंगा लेकर आए थे. निराला अपनी उत्तर-पीढ़ी के लिए.’ निराला को याद करते हुए भगीरथ की याद आए या ग्रीक मिथकीय देवता प्रमेथियस/प्रमथ्यु की, तो यह आश्चर्य की बात नहीं है.
निराला वास्तव में हिंदी कविता के प्रमथ्यु थे. प्रमथ्यु, मानव
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