Hindi, asked by sinhaaryan374, 1 year ago

'एक विवेक दिल का होता है और एक दिमाग का' इस पे निबन्द लिखिए 400-500 शब्द

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Answered by PrayagKumar
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दिल और दिमाग भले ही शरीर के दो अलग अलग स्थान पर रहते हो। मगर दिल और दिमाग का विवेक हमारे बहुत काम आता है। दिल और दिमाग एक दूसरे के पूरक हैं। दिल को हम दिमाग से अलग करके कुछ सोच ही नहीं सकते हैं।
दूसरे शब्दों में,दिल न केवल मस्तिष्क के अनुरूप है, बल्कि मस्तिष्क दिल से प्रतिक्रिया देता है। तनावपूर्ण या नकारात्मक भावनाओं के दौरान मस्तिष्क में दिल का इनपुट भी मस्तिष्क की भावनात्मक प्रक्रियाओं पर गहरा असर डालता है-वास्तव में तनाव के भावनात्मक अनुभव को मजबूत करने के लिए सेवा प्रदान करता है दिल।
दिल और दिमाग की जंग में दिमाग ही जीत जाता है।यदि आप मेरे जैसे हैं , तो संभवतः आपको अपने जीवन में निर्णय लेने के लिए सभी प्रकार की सलाह मिल गई है-- " आप अपने दिल को सुनो।"
अपने दिमाग का प्रयोग तर्कसंगत निर्णय लेने में करें। विवादित बयानों के लिए दिमाग की जरूरत होती है। वहां दिल के निर्णय की कोई महत्व नहीं रहती है।
इसके अलावा आपके जीवन से जुड़े किसी भी फैसले के लिए आपको अपने दिल और दिमाग दोनों से निर्णय लेना चाहिए।
याद रखें दिल के निर्णय को दिमाग पर और दिमाग के निर्णय को दिल पर हावी नहीं होने देना है। फैसले ऐसे लिजिए जिससे की आपको कोई तकलीफ़ न ह
Answered by dilkhush98
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विवेक' एक भावना है। यह हमें सही गलत की पहचान करवाता है और गलत मार्ग पर बढ़ने से रोकता है। विवेक का संबंध दिल और दिमाग से नहीं है। हमारा निर्णय दिल और दिमाग से लिया हो सकता है। प्रायः लोग विवेक का प्रयोग अपने स्वार्थों के लिए करते हैं। जब हम अपने स्वार्थों का उपयोग करने के लिए किसी की सहायता करते हैं, तो वह विवेक दिमाग से लिए गए निर्णय पर आधारित होता है। इसके विपरीत जब हम दूसरे की सहायता के लिए अपने विवेक का प्रयोग करते हैं, तो वह निर्णय दिल से लिया गया होता है।
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