एक व्यक्ति जिसका शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बी.एम.आई.) निम्न में से कम है, को कुपोषित माना जाएगा । *
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शरीर द्रव्यमान सूचकांक (अंग्रेज़ी:बाडी मास इंडैक्स, लघु:बी.एम.आई) या एन्थ्रोपोमैट्रिक सूचकांक, ये बताता है कि किसी के शरीर का भार उसकी लंबाई के अनुपात में ठीक है या नहीं। उदाहरण के लिये भारतीय लोगों के लिए उनका बी.एम.आई २२.९ से अधिक नही होना चाहिए।[1] एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित भार उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए, जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल लगे। शरीर द्रव्यमान सूचकांक (बीएमआइ) व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें भार किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है।[2][3] शरीर द्रव्यमान सूचकांक या क्वेटलेट सूचकांक, एक विवादास्पद सांख्यिकीय माप है जो एक व्यक्ति के भार और उंचाई की तुलना करता है। हालांकि यह वास्तव में शरीर की वसा की प्रतिशतता का मापन नहीं करता है, फिर भी यह व्यक्ति की लम्बाई के आधार पर उसके स्वस्थ शरीर के भार का अनुमान लगाता है।
बी एम आई = भार (किलोग्राम में) / ऊंचाई (मीटर में) २
भार/लंबाई अनुपात वर्गीकरण
< 18.5 कम भार
18.5–24.9 सामान्य भार
25.0–29.9 अधिक भार
30.0–34.9 श्रेणी-१ मोटा
35.0–39.9 श्रेणी-२ मोटा
> 40.0 श्रेणी-३ मोटा
[3]
बीएमआई मूल्य आयु पर निर्भर करते हैं तथा स्त्री तथा पुरुष दोनों के लिए समान है। ऊँचाई (कद) और वज़न में 1% से कम तक का विचलन गुणांक होता है, तथा वयोवृद्धों में इसे काईफोसिस द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है तथा बीएमआई व्याख्या को अमान्य बना सकता है। किसी वयोवृद्ध व्यक्ति का सूचकांक उसकी आयु के कार्य के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। विशिष्ट रूप से पुरुषों में उनकी आयु वृद्धि के साथ बी.एम.आई में गिरावट आती है। बीएमआई में गिरावट का सीधा संबंध समय के साथ साथ लीन बॉडी मॉस में गिरावट के साथ हो सकता है; लीन बॉडी मॉस पुरुषों में जीवन भर महिलाओँ की तुलना में अधिक होता है। बीएमआई से शरीर में उपलब्ध वसा का मोटा-मोटा अनुमान हो जाता है। इससे पता चल जाता है कि व्यक्ति को भार घटाने की आवश्यकता है या नही। जिन वयस्कों का बीएमआई स्वस्थ श्रेणी में आता है, आवश्यक नही कि उनमें से सभी का भार स्वास्थ्य के अनुसार एकदम सही हो। संभव है उनमें भी वसा अधिक और मांसपेशियां कम हों। इसी तरह यदि कोई खिलाड़ी है या काफी व्यायाम करते हैं तो उसके शरीर में मांसपेशियां अधिक और वसा कम हो सकती है, या संभव है कि किसी का बी.एम.आई सामान्य से अधिक हो, लेकिन फिर भी ये स्वस्थ श्रेणी में आता है।[4] बी एम आई की सामान्य श्रेणी गर्भवती और अपने बच्चे को दूध पिलाने वाली माताओं पर लागू नही होती।
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