ekal parivar ke laabh or haani
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HEY DEAR ...
संयुक्त परिवार में नन्हे बच्चों की देखरेख की विशेष परेशानी नहीं होती। चूँकि छोटे बच्चों के समीप किसी न किसी का होना जरूरी होता है। अतः संयुक्त परिवार में बच्चों की देखरेख कभी दादा-दादी, देवर, ननद या अन्य वरिष्ठों द्वारा हो जाती है। जिससे कि बहू को घर के प्रतिदिन के कार्यों को करने में परेशानी नहीं होती।
मगर ऐसी स्थिति में परेशानी तब होती है, जब एकल परिवार में कोई नन्हा बच्चा हो। ऐसी
स्थिति में पति की भी कुछ जिम्मेदारी होती है। जिससे बच्चे की उचित देखरेख के साथ ही घर के प्रतिदिन के कार्य आसानी से निपट सकते हैं। जो कि निम्नलिखित हैं :
* पति को प्रायः जल्दी उठने की आदत डालना चाहिए। इसमें वह बच्चे की देखरेख कर सकेगा, ताकि पत्नी को भी फ्रेश होने का समय मिल सके।
* अगर आपको बिस्तर में ही चाय लेने की आदत है व चाय के साथ अखबार पढ़ने का शौक है। ऐसे समय बच्चा रोए तो पत्नी पर गुस्सा न हों, बल्कि बच्चे को चुप कराने का प्रयत्न करें।
* आपको ऑफिस पूर्व जल्द से जल्द तैयार होना चाहिए ताकि आप थोड़ा समय बच्चे को संभालने में दे सकें। तब तक पत्नी आपका नाश्ता व लंच बाक्स तैयार कर सकेगी। अगर बच्चे को नहीं संभाला तो यह कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पाएगा और ऑफिस जाने में देरी हो सकती है।
* आपको छोटे-छोटे कार्य स्वयं ही कर लेना चाहिए, जैसे अलमारी में से स्वयं ही कपड़े निकालकर तैयार होना होगा। इससे पत्नी को छोटे-छोटे कामों में होने वाली परेशानी से थोड़ा आराम मिल सकेगा व दिन के शेष समय बच्चे की अच्छी तरह देखभाल कर पाएगी।
* पति अगले दिन खाने में क्या लेंगे, इसकी जानकारी पहले ही पत्नी को दे दें ताकि वह बच्चे के सोने के बाद थोड़ी तैयारी पूर्व में ही कर सकेगी।
* अधिकांश पति ऑफिस के समय के बाद भी दोस्तों के साथ गपशप करते रहते हैं इसी के साथ रात्रि को देर से घर लौटते हैं। अगर वह ऑफिस समय के बाद भी घर आ जाए तो पत्नी जो कि दिन भर से बच्चे की देखरेख कर रही है उसे थोड़ा आराम मिलेगा।
* बिना पूर्व सूचना के मित्रों को खाने की दावत न दें क्योंकि अचानक मित्रों के घर आ जाने से खाना बनाने में पत्नी को काफी परेशानी होती है। दोस्तों के सामने वह मना भी नहीं कर पाती है।
* पति को छुट्टी के दिन ज्यादा समय पत्नी व बच्चों के साथ बिताना चाहिए।
* पति को यह ध्यान में रखना चाहिए कि पत्नी ने खाना खाया या नहीं ऐसी स्थिति में खाना खाने तक बच्चों को संभालना चाहिए। ताकि पत्नी इत्मीनान से खाना खा सके।
* पति को सदा यह प्रयास करना चाहिए कि पत्नी के काम करते समय बच्चे की देखरेख में वह भी बिना चिडचिड़ाहट खुशी-खुशी देखभाल करें।
इन सब बातों को अपनाकर जहाँ आप अपने नन्हें बच्चों की सही देखरेख कर पाएँगे वहीं आप पत्नी के मन में जगह बनाए रख सकते हैं। जिससे आपका दाम्पत्य जीवन हमेशा फूलों की तरह
महकता रहेगा।
HOPE , IT HELPS ...
संयुक्त परिवार में नन्हे बच्चों की देखरेख की विशेष परेशानी नहीं होती। चूँकि छोटे बच्चों के समीप किसी न किसी का होना जरूरी होता है। अतः संयुक्त परिवार में बच्चों की देखरेख कभी दादा-दादी, देवर, ननद या अन्य वरिष्ठों द्वारा हो जाती है। जिससे कि बहू को घर के प्रतिदिन के कार्यों को करने में परेशानी नहीं होती।
मगर ऐसी स्थिति में परेशानी तब होती है, जब एकल परिवार में कोई नन्हा बच्चा हो। ऐसी
स्थिति में पति की भी कुछ जिम्मेदारी होती है। जिससे बच्चे की उचित देखरेख के साथ ही घर के प्रतिदिन के कार्य आसानी से निपट सकते हैं। जो कि निम्नलिखित हैं :
* पति को प्रायः जल्दी उठने की आदत डालना चाहिए। इसमें वह बच्चे की देखरेख कर सकेगा, ताकि पत्नी को भी फ्रेश होने का समय मिल सके।
* अगर आपको बिस्तर में ही चाय लेने की आदत है व चाय के साथ अखबार पढ़ने का शौक है। ऐसे समय बच्चा रोए तो पत्नी पर गुस्सा न हों, बल्कि बच्चे को चुप कराने का प्रयत्न करें।
* आपको ऑफिस पूर्व जल्द से जल्द तैयार होना चाहिए ताकि आप थोड़ा समय बच्चे को संभालने में दे सकें। तब तक पत्नी आपका नाश्ता व लंच बाक्स तैयार कर सकेगी। अगर बच्चे को नहीं संभाला तो यह कार्य समय से पूर्ण नहीं हो पाएगा और ऑफिस जाने में देरी हो सकती है।
* आपको छोटे-छोटे कार्य स्वयं ही कर लेना चाहिए, जैसे अलमारी में से स्वयं ही कपड़े निकालकर तैयार होना होगा। इससे पत्नी को छोटे-छोटे कामों में होने वाली परेशानी से थोड़ा आराम मिल सकेगा व दिन के शेष समय बच्चे की अच्छी तरह देखभाल कर पाएगी।
* पति अगले दिन खाने में क्या लेंगे, इसकी जानकारी पहले ही पत्नी को दे दें ताकि वह बच्चे के सोने के बाद थोड़ी तैयारी पूर्व में ही कर सकेगी।
* अधिकांश पति ऑफिस के समय के बाद भी दोस्तों के साथ गपशप करते रहते हैं इसी के साथ रात्रि को देर से घर लौटते हैं। अगर वह ऑफिस समय के बाद भी घर आ जाए तो पत्नी जो कि दिन भर से बच्चे की देखरेख कर रही है उसे थोड़ा आराम मिलेगा।
* बिना पूर्व सूचना के मित्रों को खाने की दावत न दें क्योंकि अचानक मित्रों के घर आ जाने से खाना बनाने में पत्नी को काफी परेशानी होती है। दोस्तों के सामने वह मना भी नहीं कर पाती है।
* पति को छुट्टी के दिन ज्यादा समय पत्नी व बच्चों के साथ बिताना चाहिए।
* पति को यह ध्यान में रखना चाहिए कि पत्नी ने खाना खाया या नहीं ऐसी स्थिति में खाना खाने तक बच्चों को संभालना चाहिए। ताकि पत्नी इत्मीनान से खाना खा सके।
* पति को सदा यह प्रयास करना चाहिए कि पत्नी के काम करते समय बच्चे की देखरेख में वह भी बिना चिडचिड़ाहट खुशी-खुशी देखभाल करें।
इन सब बातों को अपनाकर जहाँ आप अपने नन्हें बच्चों की सही देखरेख कर पाएँगे वहीं आप पत्नी के मन में जगह बनाए रख सकते हैं। जिससे आपका दाम्पत्य जीवन हमेशा फूलों की तरह
महकता रहेगा।
HOPE , IT HELPS ...
mohitkumar286:
thanks
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