एकलव्य को धनुर्विद्या की सूचना देने के दौरान आचार्य के निर्णय पर अपना आपके विचार शब्दों में लिखिए
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“अक्षरशः सत्य है उनका कथन ।”
“एक विशाल आँधी की प्रतीक्षा में क्षयिष्ण में क्षयिष्णु समाज, समाज के गाँव, गाँव के लोग खड़े है।”
“उसके मन-सरोवर में तैरता हुआ हंस आज भी मोड़ चुगता है।
'एकलव्य के नोट्स' में लोकजीवन की छविचित्रात्मक शैली है; जैसे- 1.
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एकलव्य महाभारत का एक पात्र है। वह राजा हिरण्य धनु नामक निषाद के पुत्र थे।एकलव्य का मूल नाम अभिद्युम्न था।
एकलव्य को अप्रतिम लगन के साथ स्वयं सीखी गई धनुर्विद्या और गुरुभक्ति के लिए जाने जाते है। पिता की मृत्यु के बाद वह श्रृंगबेर राज्य के शासक बने। अमात्य परिषद की मंत्रणा से उनहोने न केवल अपने राज्य का संचालन किया , बल्कि निषादों की एक सशक्त सेना गठित कर के अपने राज्य की सीमाओँ का विस्तार किया।
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