एलुमिनियम के निष्कर्षण में निक्षालन की क्या भूमिका है
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=> एल्युमीनियम के निष्कर्षण में, निक्षालन का महत्व बॉक्साइटअयस्क से शुद्ध एल्यूमिना (Al2O3) को सांद्रित करना है।
=> बॉक्साइट में आमतौर पर अशुद्धियों के रूप में सिलिका, आयरन ऑक्साइड तथा टाइटेनियम ऑक्साइड (TiO2) होता है। निक्षालन की प्रक्रिया में, एल्यूमिना 473-523 K ताप और 35-36 bar दाब पर चूर्णित अयस्क को सांद्र NaOH विलयन से पाचित्र कर सांद्रित किया जाता है।
=> इन शर्तों के तहत, एल्यूमिना (Al2O3) सोडियम एल्युमिनेट के रूप में एवं सिलिका (SiO2) सोडियम सिलिकेट के रूप में निक्षालित हो जाता है तथा अशुद्धियां शेष रह जाती है |
( Equation 1 - image 1)
=> विलयन में CO2 गैस प्रवाहित कर ऐलुमिनेट को उदासीन कर लिया जाता है और इस प्रक्रिया में, जलयोजित Al2O3 अवक्षेपित हो जाता है और विलयन में सोडियम सिलिकेट शेष रह जाता है।
=> जलयोजित Al2O3 के ताजे तैयार नमूनों के विलयन को बीजारोपित किया जाता है, जो कि अवक्षेपण को प्रेरित करता है ।
( Equation 2- image 2)
=> इस प्रकार प्राप्त जलयोजित एल्युमिना को छानकर, सुखाकर और गर्म करके शुद्ध एल्युमिना (Al2O3) प्राप्त कर लिया जाता है।
( Equation 3 - image 3)