एपीजे अब्दुल कलाम माहीती.मराठीत
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अब्दुल पकीर जैनुलबदीन अब्दुल कलाम, जो एपीजे अब्दुल कलाम म्हणून ओळखला जाणारा एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक होता, त्याने 2002 ते 2007 या काळात भारताचे 11 वे राष्ट्रपती म्हणून काम केले. कलाम यांनी चाळीस वर्षे विज्ञान प्रशासक व वैज्ञानिक म्हणून मुख्यत्वे भारतीय अंतरिक्ष संशोधन संघटना (इस्रो) आणि संरक्षण संशोधन व विकास संस्था (डीआरडीओ). ते सैन्यदृष्ट्या मिसाइल विकास प्रयत्न आणि भारतीय नागरी अंतरिक्ष कार्यक्रमांशी जवळचे संबंध होते. लॉन्च व्हीकल टेक्नॉलॉजी आणि बॅलिस्टिक मिसाईलच्या विकासाबद्दलच्या कामासाठी त्यांना ‘द मिसाइल मॅन ऑफ इंडिया’ या टोपणनावाने दिले गेले. 1 99 8 मध्ये त्यांनी पोखरण-द्वितीय परमाणु चाचणीत प्रमुख भूमिका बजावली.
2002 मध्ये, देशाच्या 11 व्या राष्ट्रपती म्हणून त्यांची निवड झाली आणि त्यांना ‘जनतेचा अध्यक्ष’ म्हणून ओळखले गेले. त्यांच्या अध्यक्षपदाच्या मुदतीनंतर त्यांनी अध्यापन, लेखन आणि वाचन सर्वात जास्त आवडले. एक वैज्ञानिक म्हणून त्यांच्या यशाबद्दल आणि योगदानासाठी त्यांना ‘भारत रतन अवॉर्ड’, भारताच्या सर्वोच्च नागरिक सन्मानाने सन्मानित करण्यात आले.
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मॅनेजमेंट (आयआयएम) शिलांग येथे व्याख्यान देत असताना 27 जुलै 2015 रोजी त्यांनी स्वर्गीय निवासस्थानासाठी प्रस्थान केले. त्यांना पूर्ण राजकीय प्रतिष्ठेसह विश्रांती देण्यात आली आणि त्यांचे अंत्यसंस्कार राष्ट्रीय पातळीवरील मान्यवरांसह हजारो लोकांनी भाग घेतला.
अब्दुल कलाम मराठी माहिती
apj abdul kalam marathi mahiti
प्रारंभिक जीवन
एपीजे अब्दुल कलाम 15 ऑक्टोबर, 1 9 31 रोजी तमिळनाडुच्या रामेश्वरम येथील तीर्थक्षेत्रातील गरीब तमिळ मुस्लिम कुटुंबात जन्मलेले होते. त्यांची आई, असिमामा हे एक गृहिणी होती आणि त्यांचे वडील जैनुलबदेन हे स्थानिक मशिदीचे इमाम होते. नाव मालक ते चार मोठे भाऊ आणि एक बहीण कुटुंबात सर्वात लहान होते.
जरी, कुटुंब आर्थिकदृष्ट्या श्रीमंत नव्हते तरीही सर्व मुलांनी प्रेम आणि करुणामय वातावरणात उभे केले होते. कौटुंबिक उत्पन्नामध्ये वाढ करण्यासाठी, कलाम यांना त्यांच्या सुरुवातीच्या काळातील वर्तमानपत्रे विकली गेली.
तो त्याच्या शाळेत एक सरासरी विद्यार्थी होता, परंतु त्याला शिकण्याची तीव्र इच्छा होती आणि खूप मेहनती होती. त्याला गणित आवडत असे व विषयाचा अभ्यास करण्यासाठी तास घालवला. 1 9 54 मध्ये त्यांनी ‘श्वार्त्झ उच्च माध्यमिक विद्यालय’ येथून शिक्षण घेतले आणि 1 9 54 मध्ये ‘सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिराप्पल्ली’ येथून पदवी प्राप्त केली. त्यांना एक लष्करी पायलट बनवायचा होता परंतु त्यांचे स्वप्न पूर्ण होऊ शकले नाही कारण येथे फक्त आठ जागा उपलब्ध आहेत. आयएएफ आणि त्याने नवव्या स्थानावर विजय मिळविला.
Answer:
प्रस्तावना – भारत भूमि ऋषियों-मुनियों और अनेक कर्मवीरों की जन्मदात्री है। यहाँ अनेक महापुरुष पैदा हुए हैं तो देश का नाम शिखर तक ले जाने वाले वैज्ञानिक भी हुए हैं। इन्हीं में एक जाना-पहचाना नाम है- डॉ० ए०पा. ने० अब्दुल कलाम का जिन्होंने दो रूपों में राष्ट्र की सेवा की। एक तो वैज्ञानिक के रूप में और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में। देश उन्हें मिसाइल मैन के नाम से जानता-पहचानता है।
जीवन-परिचय – डॉ० कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वरम् नामक कस्बे में हुआ था। इनके पिता का नाम जैनुलाबदीन और माता का नाम अशियम्मा था। इनके पिता पढ़े-लिखे मध्यमवर्गीय व्यक्ति थे जो बहुत धनी न थे। इनकी माता आदर्श महिला थीं। इनके पिता और रामेश्वरम मंदिर के पुजारी में गहरी मित्रता थी, जिसका असर कलाम के जीवन पर भी पड़ा। इनके पिता रामेश्वरम् से धनुषकोडि तक आने-जाने के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नौकाएँ बनवाने का कार्य किया करते थे।
शिक्षा-दीक्षा – डॉ० कलाम की प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु में हुई। इसके बाद वे रामनाथपुरम् के श्वार्ज़ हाई स्कूल में भर्ती हुए। हायर सेकंडी की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पूरी करने के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए सेंट जोसेफ कॉलेज में प्रवेश लिया। यहाँ चार साल तक पढ़ाई करने और बी०एस०सी० प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने ‘हिंदू पत्रिका’ में विज्ञान से संबंधित लेख-लिखने लगे। उन्होंने एअरोनॉटिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा भी किया।
मिसाइल मैन डॉ० कलाम – डॉ० कलाम को अपने कैरियर की चिंता हुई। वे भारतीय वायुसेना में पायलट पद के लिए चुने गए पर साक्षात्कार में असफल रहे। इसके बाद वे वर्ष 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन से जुड़ गए। उनकी पहली नियुक्ति हैदराबाद में हुई। वहाँ वे पाँच वर्षों तक अनुसंधान सहायक के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने यहाँ वर्ष 1980 तक कार्य किया और अंतरिक्ष विज्ञान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश भाग अनुसंधान को समर्पित कर दिया। परमाणु क्षेत्र में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। उनके नेतृत्व में 1 मई, 1998 का प्रसिद्ध पोखरण परीक्षण किया गया। मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक ले जाने के कारण उन्हें मिसाइल मैन कहा जाता है।
राष्ट्रपति डॉ० कलाम – भारत के गणराज्य में 25 जुलाई, 2002 को वह सुनहरा दिन आया, जब मिसाइल मैन के नाम से मशहूर डॉ० कलाम ने राष्ट्रपति का पद सुशोभित किया और इसी दिन पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। यद्यपि उनका संबंध राजनीति की दुनिया से कोसों दूर था फिर भी संयोग और भाग्य के मेल से उन्होंने भारत के बारहवें राष्ट्रपति के रूप में इस पद को सुशोभित किया। उन्होंने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए निष्पक्षता और पूरी निष्ठा से कार्य किया।
सम्मान एवं अलंकरण – डॉ० कलाम ने जिस परिश्रम से परमाणु एवं अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊँचाई तक पहुँचाया उसके लिए उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित एवं अलंकृत किया गया। उन्हें वर्ष 1981 में पद्म विभूषण एवं वर्ष 1990 में ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया गया। ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने वाले वे देश के तीसरे वैज्ञानिक हैं।
सादा जीवन उच्च विचार – डॉ० कलाम पर गांधी जी के विचारों का प्रभाव था। वे सादगीपूर्वक रहते थे। उनके विचार अत्यंत उच्च कोटि के थे। वे बच्चों से लगाव रखते थे। वे विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन करते थे। वे आज का काम आज निपटाने में विश्वास रखते थे। बच्चों को प्यार करने वाले डॉ० कलाम की मृत्यु भी बच्चों के बीच सन् 2015 में उस समय हुई जब वे उनके बीच अपने अनुभव बाँट रहे थे।
उपसंहार – डॉ० कलाम अत्यंत निराभिमानी व्यक्ति थे। वे परिश्रमी और कर्तव्यनिष्ठ थे। एक वैज्ञानिक होने के साथ ही उन्होंने मिसाइल कार्यक्रम को नई ऊँचाई पर पहुँचाया तो राष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने देश की प्रगति में भरपूर योगदान दिया। उनका जीवन हम भारतीयों के लिए प्रेरणा स्रोत है।