एस
माया का इस प्रतिक्रिया पर तर्क सहित अपने विचार प्रकट करें।
12. क्या आपको लगता है कि यह कहानी आजादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
भाषा-अध्ययन
13. बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।
'ही', 'भी' वाक्य में किसी बात पर जोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते
हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
Answers
Question 12:
क्या आपको लगता है कि यह कहानी आज़ादी की लड़ाई की ओर भी संकेत करती है?
Answer:
प्रेमचंद स्वतंत्रता पूर्व लेखक हैं। इनकी रचनाओं में भी इसका प्रभाव देखा गया है। “दो बैलों की कथा” नामक कहानी भी इससे अछूती नहीं है।
मनुष्य हो या पशु पराधीनता किसी को भी स्वीकार नहीं है। सभी स्वतंत्र होना चाहते हैं। प्रस्तुत कहानी की कथावस्तु भी इन्हीं मनोविचार पर आधारित है। प्रेमचंद ने अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किए गए अत्याचारों को मनुष्य तथा पशु के माध्यम से व्यक्त किया है। इस कहानी में उन्होंने यह भी कहा है कि स्वतंत्रता सहज ही नहीं मिलती, इसके लिए निरंतर संघर्ष करना पड़ता है। जिस प्रकार अंग्रेज़ों के अत्याचार से पीड़ित जनता ने अपना क्षोभ विद्रोह के रुप में व्यक्त किया, उसी प्रकार बैलों का गया के प्रति आक्रोश भी संघर्ष के रुप में भड़क उठा। इस प्रकार परोक्ष रुप से यह कहानी आज़ादी की भावना से जुड़ी है।Question 13:
बस इतना ही काफ़ी है।
फिर मैं भी ज़ोर लगाता हूँ।
‘ही’, ‘भी’ वाक्य में किसी बात पर ज़ोर देने का काम कर रहे हैं। ऐसे शब्दों को निपात कहते
हैं। कहानी में से पाँच ऐसे वाक्य छाँटिए जिनमें निपात का प्रयोग हुआ हो।
Answer:
निपात के प्रयोग वाले शब्द –
(1) छाया भी न दिखाई देगी।
(2) छोटा भाई और भी है।
(3) उससे कम ही गधा है।
(4) ज़्यादा-से-ज़्यादा बोझ।
(5) बेगानों-से लगते थे।