Essay in hindi...
एक अनाथ बालक की आत्मकथा...
150 शब्दो लिखिए।..
Answers
Explanation:
आप विश्वास करें या न करें, लेकिन है यह हकीकत। एक बालक अनाथाश्रम में जन्मा, पला और बड़ा हुआ। उसके माँ-बाप, रिश्तेदार कोई नहीं थे। उसका जाति-धर्म, वंश, गोत्र कुछ नहीं था। सिर्फ था एक नम्बर, जैसे कारावास में कैदी का होता है। वह ‘नेम नॉट नोन’ था। प्रश्नों से घिरी उसकी जिन्दगी में प्रश्नों ने ही उसे पाला-पोसा। प्रश्नों ने ही उसे वयस्क बनाया, समझदार बनाया। आज वह एक ‘वेलनोन’ सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, समीक्षक, वक्ता, अनुवादक, सम्पादक और प्राचार्य के रूप में सुविख्यात है। एक सामाजिक ‘आयडॉल’ बना है। प्रस्तुत पुस्तक ‘नेम नॉट नोन’ सुनीलकुमार लवटे की आत्मकथा है। सबकुछ होने पर भी कुछ न करने वालों को यह आत्मकथा न सिर्फ सक्रिय करती है अपितु सोचने को भी प्रेरित करती है कि आखिर मनुष्य में वह कौन-सा रसायन होता है जो उसे सारी प्रतिकूलताओं को परास्त करने की ऊर्जा देता है, जीते-जी मृत्युंजय बनाता है।