Hindi, asked by arhitaditya, 9 hours ago

essay in hindi of first day of rain 100-150 words​

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Answered by sujalyadavv2004
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Answer:

बरसात के उस पहले दिन को मैं कभी नहीं भूल सकता । आषाढ़ का महीना लग चुका था और सूर्यदेवता आग बरसा रहे थे। पेड़-पौधे मुरझा रहे थे। बागों की बहारें गायब हो गई थी। नदी नाले, तालाब और झीलों का पानी सूख चला था। पशु, पक्षी, मनुष्य सभी प्राणी मारे गरमी के बेचैन हो रहे थे। सभी के मन में एक ही चाह थी कि वर्षा हो, शीतलता मिले। बिजली के पंखे चल रहे थे, कहीं एअरकंडीशंड मशीन लगे थे, कई घरों के दरवाजों पर पानी में तर खसटट्टियाँ झूल रही थीं। फिर भी लोगों की आँखें आकाश की ओर लगी हुई थी।तलहटी में चरवाहे अपने पशुओं को चरा रहे थे। एक चरवाहा विरहा अलाप रहा था। उसी समय सामने की सड़क से एक युवक गाता हुआ निकला, “घिर आई बदरिया सावन की । सावन की मन भावन की।” मैं एक बाग में से गुजरा । सारे बाग में नई रौनक आ गई थी। दूर-दूर फैले हुए खेतों में किसान हल जोतने लग गए थे।

Answered by bhaavi
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Hindi essay on first day of rain
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