Essay in Hindi of Hamara pyara Bharat varsh. Of 1500 words... Plz it's urgent..
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मेरा भारत यह मात्र शब्द नहीं है अपितु हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है, हर हिन्दुस्तानी का गौरव है, उसका सम्मान है और सबसे बड़ी बात उसकी पहचान है, यह भारतवर्ष। हम इस भूमि में पैदा हुए हैं। हमारे लिए यह इतनी महत्त्वपूर्ण है जितने की हमारे माता.पिता हमारे लिए। भारत एक भू.भाग का नाम नहीं है। अपितु उस भू.भाग में बसे लोगोंए उसकी संस्कृतिए उसकी सभ्यताए उसके रीति.रिवाजोंए उसके अमूल्य इतिहास का नाम है। उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है।
भारत के भौगोलिक स्वरूप की बात की जाए तो यह एक विशाल देश है। इसके उत्तर में पर्वत राज हिमालय खड़ा है। तो दूसरी ओर दक्षिण में अथाह समुद्र है। पश्चिम में रेगिस्तान की मरूभूमि है तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। ये सब इसकी स्थिति को मजबूत व प्रभावशाली बनाए हुए हैं। भारत में जगह.जगह पहाड़ी स्थलए जंगलए हरे.भरे मैदानए रमणीय स्थलए सुन्दर समुद्र तट, देवालय आदि उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। जहाँ एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है, तो दूसरी ओर सागर की सुन्दरता लिए दक्षिण भारत। यहाँ अनगिनत नदियाँ बहती हैं जो अपने स्वरूप द्वारा इसको दिव्यता प्रदान करती हैं। ये नदियाँ प्रत्येक भारतीय के लिए माँ के समान पूज्यनीय है। संसार की सबसे ऊँची चोटी भी भारत में स्थित है। इन सभी कारणों से यह रमणीय और रोमांचकारी बन जाता है।
भारत की सभ्यता समस्त संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी भूमि ने अनेकों सभ्यताओं और संस्कृतियों के जन्म दिया है। इसने एक संस्कृति का पोषण नहीं किया अपितु अनेकों संस्कृतियों को अपनी मातृत्व की छाया में पाल.पोस कर महान संस्कृतियों के रूप में उभारा है। इस भारत वर्ष की भूमि ने राजा राम और श्री कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया बल्कि महात्मा गाँधी, लाल बहादूर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरूए भगत सिंह, पृथ्वीराज चौहान जैसे महापुरूषों को भी जन्म दिया हैए जिन्होंने अमिट अक्षरों में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया है। इसने जहाँ एक ओर गुलामी को सहा है तो वहीं दूसरी ओर स्वतत्रंता संग्राम का साक्ष्य रही है।
भारत के भौगोलिक स्वरूप की बात की जाए तो यह एक विशाल देश है। इसके उत्तर में पर्वत राज हिमालय खड़ा है। तो दूसरी ओर दक्षिण में अथाह समुद्र है। पश्चिम में रेगिस्तान की मरूभूमि है तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। ये सब इसकी स्थिति को मजबूत व प्रभावशाली बनाए हुए हैं। भारत में जगह.जगह पहाड़ी स्थलए जंगलए हरे.भरे मैदानए रमणीय स्थलए सुन्दर समुद्र तट, देवालय आदि उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। जहाँ एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है, तो दूसरी ओर सागर की सुन्दरता लिए दक्षिण भारत। यहाँ अनगिनत नदियाँ बहती हैं जो अपने स्वरूप द्वारा इसको दिव्यता प्रदान करती हैं। ये नदियाँ प्रत्येक भारतीय के लिए माँ के समान पूज्यनीय है। संसार की सबसे ऊँची चोटी भी भारत में स्थित है। इन सभी कारणों से यह रमणीय और रोमांचकारी बन जाता है।
भारत की सभ्यता समस्त संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी भूमि ने अनेकों सभ्यताओं और संस्कृतियों के जन्म दिया है। इसने एक संस्कृति का पोषण नहीं किया अपितु अनेकों संस्कृतियों को अपनी मातृत्व की छाया में पाल.पोस कर महान संस्कृतियों के रूप में उभारा है। इस भारत वर्ष की भूमि ने राजा राम और श्री कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया बल्कि महात्मा गाँधी, लाल बहादूर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरूए भगत सिंह, पृथ्वीराज चौहान जैसे महापुरूषों को भी जन्म दिया हैए जिन्होंने अमिट अक्षरों में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया है। इसने जहाँ एक ओर गुलामी को सहा है तो वहीं दूसरी ओर स्वतत्रंता संग्राम का साक्ष्य रही है।
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