essay in hindi on ankhon se dekha match
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Aankho Dekha Match - Hindi Essay and Paragraph on A Cricket Match | आँखों देखा मैच | क्रिकेट मैच
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Aankho Dekha Match (Hindi Essay)
Hindi Nibandh on 'A Cricket Match' or 'Cricket World Cup'
आँखों देखा मैच | क्रिकेट मैच | क्रिकेट विश्व-कप
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मैच और खेल का नाम :
२०-२० विश्व-कप क्रिकेट का पहला आयोजन था। विश्व की कुल १२ टीमों में से चार टीमें - ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका एवं भारत सेमीफाइनल में पहुँची थीं। आश्चर्यजनक ढंग से पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को हराया और भारत ने दक्षिण अफ्रीका को। प्रस्तुत निबंध भारत और पाकिस्तान के बीच खेला गया इस विश्व-कप के फाइनल मैच पर आधारित है।
मैच का स्थान और समय :
जब भारत और पाकिस्तान जैसा दो आपस में प्रतिद्वन्दी, लोकप्रिय व प्रसिद्द टीमों के बीच फाइनल हो तो वह मैच बेहद रोचक हो ही जाता है। विश्व-कप की यह फ़ाइनल मैच दक्षिण अफ्रीका के वांडरर्स स्टेडियम में खेला गया था। २४ सितम्बर, २००७ की शाम को मैच आरंभ हुआ। टीमों के साथ-साथ देशवासियों ने भी मैच देखने की तैयारी पहले से ही कर लिया था। जैसा कि होता है, भारत में मानो समय ठहर गया। निर्दिष्ट समय आते ही सभी की नज़रें अपने-अपने टीवी पर थी। वांडरर्स का स्टेडियम भी खचाखच भरा था।
मैच की शुरुआत :
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। गौतम गंभीर और युसूफ पठान ने पारी की शुरुआत की। तय रणनीति से खेलते हुए भारत ने अपने २० ओवर में स्कोर १५७ रन तक पहुँचाया।
दर्शकों की प्रतिक्रिया:
जब भारतीय टीम को दर्शकों ने खेलते देखा तो सब ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाकर उनका हौसला बढ़ा रहे थे। वहाँ एक-एक शार्ट पर तालियों की गूंज से पूरा स्टेडियम हिल रहा था और यहाँ देश में टीवी के सामने बैठे लोग झूम रहे थे। अब दर्शक बहुत बेसब्री से भारत की गेंदबाजी, फील्डिंग और पाकिस्तान की बल्लेबाजी, यानि मैच का अंतिम पड़ाव देखना चाहते थे।
मैच का अंत:
दोनों टीमों ने कांटे का संघर्ष किया और निर्णय होने से पहले मैच एकदम चरमसीमा पर पहुँच गया। आखिरी गेंद तक मैच बेहद रोचक बना रहा। अंत में भारत की ही जीत हुई। उसने पाकिस्तान को हराकर २०-२० ओवर की पहला क्रिकेट विश्व-कप अपने नाम कर लिया। फिर क्या कहना, देश-विदेश में ढेर सारे पटाखे फूटने लगे। ऐसा लग रहा था मानो दीवाली दो महीने पहले ही आ गई हो। खिलाड़ियों के साथ-साथ खेल-प्रेमी भी नाचे। यहाँ शहरों में लोग ख़ुशी मनाने के लिए रास्ते में जुलुस निकाले। खिलाड़ियों को बड़े-बड़े पुरस्कार बाटें गए। भारत ने नया इतिहास रचा। क्रिकेट का मुकुट एक बार फिर एशिया के माथे पर सज गया।