essay in hindi on topic क्या वर्चुअल कक्षाएं पहले से चली आरही पारमपारिक कक्षाओं से बेहतर हैं 2000-2500 words essay
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ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली (ई-लर्निंग) को सभी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक समर्थित शिक्षा और अध्यापन के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो स्वाभाविक तौर पर क्रियात्मक होते हैं और जिनका उद्देश्य शिक्षार्थी के व्यक्तिगत अनुभव, अभ्यास और ज्ञान के सन्दर्भ में ज्ञान के निर्माण को प्रभावित करना है। सूचना एवं संचार प्रणालियां, चाहे इनमें नेटवर्क की व्यवस्था हो या न हो, शिक्षा प्रक्रिया को कार्यान्वित करने वाले विशेष माध्यम के रूप में अपनी सेवा प्रदान करती हैं[1]।
ई-शिक्षा अनिवार्य रूप से कौशल एवं ज्ञान का कंप्यूटर एवं नेटवर्क समर्थित अंतरण है। ई-शिक्षा इलेक्ट्रॉनिक अनुप्रयोगों और सीखने की प्रक्रियाओं के उपयोग को संदर्भित करता है। ई-शिक्षा के अनुप्रयोगों और प्रक्रियाओं में वेब-आधारित शिक्षा, कंप्यूटर-आधारित शिक्षा, आभासी कक्षाएं और डिजीटल सहयोग शामिल है। पाठ्य-सामग्रियों का वितरण इंटरनेट, इंट्रानेट/एक्स्ट्रानेट, ऑडियो या वीडियो टेप, उपग्रह टीवी और सीडी-रोम (CD-ROM) के माध्यम से किया जाता है। इसे खुद ब खुद या अनुदेशक के नेतृत्व में किया जा सकता है और इसका माध्यम पाठ, छवि, एनीमेशन, स्ट्रीमिंग वीडियो और ऑडियो है।
ई-शिक्षा के समानार्थक शब्दों के रूप में सीबीटी (CBT) (कंप्यूटर आधारित प्रशिक्षा), आईबीटी (IBT) (इंटरनेट-आधारित प्रशिक्षा) या डब्ल्यूबीटी (WBT) (वेब-आधारित प्रशिक्षा) जैसे संक्षिप्त शब्द-रूपों का इस्तेमाल किया जा सकता है। आज भी कोई व्यक्ति ई-शिक्षा (ई-लर्निंग/e-learning) के विभिन्न रूपों, जैसे - elearning, Elearning और eLearning (इनमें से प्रत्येक - ईलर्निंग/ईशिक्षा), के साथ-साथ उपरोक्त शब्दों का भी इस्तेमाल होता देख सकता है।