Hindi, asked by munnasaraugi, 10 months ago

Essay in hindi on topic MERA PYAARA BHARAT(250 WORDS)​

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Answered by samiyafathima
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Explanation:

भारत एक सुंदर देश है और अपनी अनूठी संस्कृतियों और परंपराओं के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। यह अपने ऐतिहासिक आकर्षण और स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के नागरिक स्वभाव से बहुत विनम्र और समझदार हैं। यह ब्रिटिश शासन के तहत 1947 से पहले एक गुलाम देश था। हालाँकि, महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के कई वर्षों के कठिन संघर्ष और बलिदान के बाद, भारत को 1947 में ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली। पं। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने और जब भारत को स्वतंत्रता मिली तो उन्होंने भारतीय ध्वज फहराया और उन्होंने घोषणा की कि "जब दुनिया सो जाएगी, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जाग जाएगा"।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां देश की बेहतरी के लिए फैसले लेने के लिए उसकी जनता अधिकृत है। भारत "विविधता में एकता" कहने के लिए एक प्रसिद्ध देश है क्योंकि कई धर्मों, जातियों, संस्कृति और परंपरा के लोग एकता के साथ रहते हैं। भारतीय विरासत और स्मारकों में से अधिकांश को विश्व विरासत स्थलों में जोड़ा गया है।

मेरे देश का नाम भारत है। भारत को इंडिया तथा हिंदुस्तान नाम से भी जाना जाता है। मेरे देश की जनसंख्‍या लगभग 1 अरब 21 करोड़ है। यहां अनेक भाषाओं और बोलियों को बोलने वाले लोग निवास करते हैं।

मेरा देश धार्मिक विविधता वाला देश है। हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, मुस्लिम आदि धर्मों को यहां एक समान दृष्टि से देखा जाता है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है।

भारत की सभ्यता और संस्कृति दुनिया भर में विख्‍यात है। इसी से अभिभूत होकर लाखों विदेशी नागरिक प्रतिवर्ष यहां घूमने के लिए आते हैं।

Answered by DKumar12345
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Answer:

Mera pyara bharat essay

Explanation:

मेरा प्यारा भारतवर्ष

मेरा भारत यह मात्र शब्द नहीं है अपितु हर हिन्दुस्तानी के दिल की आवाज़ है, हर हिन्दुस्तानी का गौरव है, उसका सम्मान है और सबसे बड़ी बात उसकी पहचान है, यह भारतवर्ष। हम इस भूमि में पैदा हुए हैं। हमारे लिए यह इतनी महत्त्वपूर्ण है जितने की हमारे माता.पिता हमारे लिए। भारत एक भू.भाग का नाम नहीं है। अपितु उस भू.भाग में बसे लोगोंए उसकी संस्कृतिए उसकी सभ्यताए उसके रीति.रिवाजोंए उसके अमूल्य इतिहास का नाम है। उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है।

भारत के भौगोलिक स्वरूप की बात की जाए तो यह एक विशाल देश है। इसके उत्तर में पर्वत राज हिमालय खड़ा है। तो दूसरी ओर दक्षिण में अथाह समुद्र है। पश्चिम में रेगिस्तान की मरूभूमि है तो पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। ये सब इसकी स्थिति को मजबूत व प्रभावशाली बनाए हुए हैं। भारत में जगह.जगह पहाड़ी स्थलए जंगलए हरे.भरे मैदानए रमणीय स्थलए सुन्दर समुद्र तट, देवालय आदि उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। जहाँ एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है, तो दूसरी ओर सागर की सुन्दरता लिए दक्षिण भारत। यहाँ अनगिनत नदियाँ बहती हैं जो अपने स्वरूप द्वारा इसको दिव्यता प्रदान करती हैं। ये नदियाँ प्रत्येक भारतीय के लिए माँ के समान पूज्यनीय है। संसार की सबसे ऊँची चोटी भी भारत में स्थित है। इन सभी कारणों से यह रमणीय और रोमांचकारी बन जाता है।

भारत की सभ्यता समस्त संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी भूमि ने अनेकों सभ्यताओं और संस्कृतियों के जन्म दिया है। इसने एक संस्कृति का पोषण नहीं किया अपितु अनेकों संस्कृतियों को अपनी मातृत्व की छाया में पाल.पोस कर महान संस्कृतियों के रूप में उभारा है। इस भारत वर्ष की भूमि ने राजा राम और श्री कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया बल्कि महात्मा गाँधी, लाल बहादूर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरूए भगत सिंह, पृथ्वीराज चौहान जैसे महापुरूषों को भी जन्म दिया हैए जिन्होंने अमिट अक्षरों में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया है। इसने जहाँ एक ओर गुलामी को सहा है तो वहीं दूसरी ओर स्वतत्रंता संग्राम का साक्ष्य रही है।

भारत में एक धर्म नहीं अपितु अनेकों धर्म एक साथ रहते हुए एकता का सन्देश देते हैं। यहाँ हिन्दु-मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी प्रकार के धर्म अपनी पूजा पद्धति के अनुसार अपनी पूजा करते हैं। यहाँ सभी धर्मावलांबियों को समान अधिकार प्राप्त है। सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखा जाता है। यहाँ सभी धर्म के लोग एक परिवार की भाँति साथ रहते हैं।

भारत में विभिन्नता में एकता के दर्शन होते हैं। यह अनेक राज्यों का समूह है। प्रत्येक राज्यों से अलग.अलग संस्कृतियाँ जुड़ी हुई है। हर राज्य में अलग.अलग त्यौहार व अपनी अलग परम्पराएँ हैं। यहाँ केरल में पोंगल मनाया जाता हैए पंजाब में बैसाखी महत्वपूर्ण है। दिल्ली में दशहरा की धूम मचती है तो महाराष्ट्र में गणेश पूजन की। बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम है तो बिहार में छठ पूजा की।

यहाँ रहन-सहन व वेशभूषा में भी प्राय; भिन्नता देखने को मिलती है परन्तु इन सब के होते हुए भी यह माला के मोतियों की भांति आपस में ही एकता का सन्देश वितरित करते हैं।

इन सब गुणों को देखते हुए हम वह सकते हैं कि भारतवर्ष का स्वरूप जिता भव्य और विशाल है, उसका मन उतना ही उन्नत और उदार है। यह मेरा भारत है।

भारत में विभिन्न धर्म व जातियाँ तथा उनके साथ विभिन्न भाषाएँ भी भारत की माला में सम्मिलित हैं। यहाँ अनगिनत भाषाएँ बोली जाती हैं, यहाँ की राज्यभाषा के रूप में एक तरफ हिन्दी को मान्यता प्राप्त है तो हिन्दी, संस्कृत, मलयालम, मराठी, पंजाबी, बंगाली, गुजराती, तेलगु, तमिल, कन्नड़ आदि अनेकों भाषाओं का संगम भी भारत की छत के नीचे ही होता है।

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