Essay of 250words on swachta k fayde
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स्वच्छता हमारे जीवन में एक महत्व पूर्ण विषय और विचार है। स्वच्छता और सफाई के बिना हम ठीक तरह जी नहीं सकते हैं। हर दिन हमारे घरों में बहुत धूल गिरती है। यह धूल सड़कों से उड़कर घरों में दफ्तरों में आ जाती है। इस से हमारी शहद को हानि पहुंच सकता है। टी बी जैसे रोग पर्वावरण का प्रदूषण और धूल से हो सकते हैं । और कचरा इधर उधर नहीं फेंकना चाहिये।
अगर हम हमारे घर को सॉफ नहीं करते, और आसपास के जगहों को भी सॉफ नहीं रखते, तब, मच्छर और कीड़े वहां पर पैदा हो जायेंगे। उन से हमें काफी नुकसान पहुंच सकता है । हम बीमार पड़ सकते हैं । तब तो हमारे बहुत सारे पैसे भी खर्च होंगे । बीमरी की तकालीफें भी उठानी भी पड़ेंगी ।
रास्ते में चलते वक्त अगर कुडे डिब्बों के पास से जाना होता है, तब हम जानते हैं कि क्या तकालीफ होता है। सास लेना बहुत मुश्किल होता है। बहुत लोग स्कूटर पर जाते वक्त नाक पर कपड़ा बांध लेते हैं।
अगर सड़कें , मार्केट सॉफ नहीं होते हैं, तो हम लोगों को बहुत खराब लगता है । हम वहां नहीं जाना चाहते हैं । हम को हर दिन अच्छी तरह से नहा धो लेना चाहिये । इस से हम खुद स्वस्थ रहेंगे । कूड़ा सिर्फ कूड़े वाले डिब्बे में या थैली में डाल कर, बाहर म्यूनिसिपॅलिटी के कूड़े के डिब्बे में फेंक देना चाहिये ।
स्वच्छ और सॉफ होने और रहने से हमें सब लोग पसंद करेंगे । हमें अच्छे खयाल आयेंगे। हमारे दोस्त भी हमें देखकर पसंद करेंगे । यह इतनीसी बात है कि अगर विद्यालय में एक विद्यार्थी गंदे कपड़े पहने तो कोई भी उसके बगल में बैठना नहीं चाहता है।
स्वच्छ रहने से हम अपनी और सब की भलाई भी कर रहे हैं। हमें स्वच्छता का महत्व जानकर बिना भूले स्वच्छता की आदत डाल लेनी चाहिये।
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लकडी , रब्बर जैसी चीजें बाहर खुली हवा में जलाना नहीं चाहिये। अपनी मोटर गडी को बिना जरूरत के इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। इस से हम पर्यवरण को सफ राख सकते हैं। पर्यवरण खराब होनेसे उसमें रहने वाले सब लोग जल्ड ही बीमारों से बाधित हो जायेंगे। अब यही हो रहा है भारत में। हम सब लोगों को स्वच्छ रहने की और पर्यवरण का प्रदूषन को कम करने कि तरीकें साखनी चाहिए ।
अगर हम हमारे घर को सॉफ नहीं करते, और आसपास के जगहों को भी सॉफ नहीं रखते, तब, मच्छर और कीड़े वहां पर पैदा हो जायेंगे। उन से हमें काफी नुकसान पहुंच सकता है । हम बीमार पड़ सकते हैं । तब तो हमारे बहुत सारे पैसे भी खर्च होंगे । बीमरी की तकालीफें भी उठानी भी पड़ेंगी ।
रास्ते में चलते वक्त अगर कुडे डिब्बों के पास से जाना होता है, तब हम जानते हैं कि क्या तकालीफ होता है। सास लेना बहुत मुश्किल होता है। बहुत लोग स्कूटर पर जाते वक्त नाक पर कपड़ा बांध लेते हैं।
अगर सड़कें , मार्केट सॉफ नहीं होते हैं, तो हम लोगों को बहुत खराब लगता है । हम वहां नहीं जाना चाहते हैं । हम को हर दिन अच्छी तरह से नहा धो लेना चाहिये । इस से हम खुद स्वस्थ रहेंगे । कूड़ा सिर्फ कूड़े वाले डिब्बे में या थैली में डाल कर, बाहर म्यूनिसिपॅलिटी के कूड़े के डिब्बे में फेंक देना चाहिये ।
स्वच्छ और सॉफ होने और रहने से हमें सब लोग पसंद करेंगे । हमें अच्छे खयाल आयेंगे। हमारे दोस्त भी हमें देखकर पसंद करेंगे । यह इतनीसी बात है कि अगर विद्यालय में एक विद्यार्थी गंदे कपड़े पहने तो कोई भी उसके बगल में बैठना नहीं चाहता है।
स्वच्छ रहने से हम अपनी और सब की भलाई भी कर रहे हैं। हमें स्वच्छता का महत्व जानकर बिना भूले स्वच्छता की आदत डाल लेनी चाहिये।
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लकडी , रब्बर जैसी चीजें बाहर खुली हवा में जलाना नहीं चाहिये। अपनी मोटर गडी को बिना जरूरत के इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। इस से हम पर्यवरण को सफ राख सकते हैं। पर्यवरण खराब होनेसे उसमें रहने वाले सब लोग जल्ड ही बीमारों से बाधित हो जायेंगे। अब यही हो रहा है भारत में। हम सब लोगों को स्वच्छ रहने की और पर्यवरण का प्रदूषन को कम करने कि तरीकें साखनी चाहिए ।
kvnmurty:
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