Essay on Aatmanirbhar Bharat
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Denaturation, in biology, process modifying the molecular structure of a protein. ... Denaturation involves the breaking of many of the weak linkages, or bonds (e.g., hydrogen bonds), within a protein molecule that are responsible for the highly ordered structure of the protein in its natural (native) state.xplanation:
आत्म निर्भर भारत स्वतंत्र भारत
आत्मनिर्भरता से यह तात्पर्य है कि हमारा देश आत्म निर्भर बने, उसे किसी और देश कि मदद लेने की कभी ज़रुरत ना परे| आत्मनिर्भरता एक मनुष्य को मजबूत बनाता है| मजबूती उस कोन से कि जब आपका कोई साथ देने वाला ना बचा हो तो आप स्वय अपनी मदद करने के लिए सक्षम हो|
देखा जाए तो एक देश अगर आत्म निर्भर हो गया तो उसे किसी और देश की ज़रुरत नहीं पड़ेगी| और अगर किसी देश की ज़रुरत नहीं परे तो वह देश बिना किसी रोक टोक के अपना काम कर सकता है, किसी और देश के पास फिर यह अधिकार नहीं की वह उस देश को सलाह दे या किसी काम के लिए रोके| इसका तात्पर्य यह है कि अगर कोई आत्मनिर्भरता की तरफ बढ़ता है तो साथ ही साथ वह स्वतंत्रता की तरफ भी अपना कदम रखता है|
आत्मनिर्भर होने के लिए दो मुख्य तत्व की ज़रुरत होती है, जिसमें से पहला तत्व है मेहनत और दूसरा तत्व है प्रतिभाशाली व्यक्ति, और देखा जाए तो हमारे देश में दोनों की कोई कमी नहीं| लेकिन कमी है तो उस प्रतिभा को पहचानने वालो की| भारत के लाखों लोग भारत को छोड़ बाहर देश चले जाते है क्यूंकि उन्हें लगता है भारत में उनकी प्रतिभा की कोई कदर नहीं होगी|
देखा जाए तो ऐसा कोई देश नहीं जहां भारत के निवासी ना हो| और वह निवासी हर तरह के लोग है| डॉक्टर से के कर इंजिनियर तक| वह निवासी भारत के लिए काम करने लगे तो भारत को किसी और देश की ज़रुरत नहीं पड़ेगी| लेकिन इसमें उन व्यक्तियों की भी कोई गलती नहीं है| क्योंकि हमारा देश कुछ कारणों से लोगो को मौका नहीं देता| और वह कारण बहुत ही शर्मिंदगी भरे है| और उनमें से एक कारण है आरक्षण|
लोगो को यह भरोसा नहीं की उनकी प्रतिभा को यहां सही सम्मान या सही काम मिल भी पाएगा| अगर यह भरोसा लोगो में जग जाए| तो हमारा देश पल भर में उचाईयो को छूने लगेगा| सोने की चिड़िया फिर से उड़ने लगेगी| बस कमी है भरोसे की और दूसरो की प्रतिभा को पहचानने की|
लेकिन इसमें भी कोई मुश्किल नहीं हमरा देश हमेशा से हर बाजी को जितने का दम रखते आया है| अगर यहां के निवासी यह ठान ले की हमे अपने देश को आत्म निर्भर बनाना है तो इसमें कोई मुश्किल नहीं आएगी| क्योंकि हमारा देश हर जगह से उपजाऊ है| हमारे देश में ऐसा कुछ नहीं जो ना मिलता हो| बस आवश्कता है उन प्रतिभा को सही राह देने की|
इस महामारी के वक्त में पी.अम. द्वारा आव्हान की गई है स्वदेशी अपनाओ| यह आवाहन देश की पुकार भी है| अगर हर व्यक्ति इस आवाहन को पथर की लकीर मान ले तो यह संभव है कि इस महामरी के अंत होते होते हमारा देश फिर खड़ा हो कर दूसरो के साथ आंख मिला कर बात कर सके|