Essay on abdul kalam in hindi 10 to 12 points easy points for kids
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है। वह छात्रों में “कलाम चाचा” के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्हें “जनता के राष्ट्रपति” भी कहा जाता है| उनका पूरा नाम “अउल पकीर जैनुलाब्द्दीन” है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म १५ अक्टूबर १९३१ को रामेश्वरम, रामनाथपुरम जिला, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता का नाम जैनुलाब्द्दीन और उनकी मां का नाम आशिअम्मा है|
बचपन में वह समाचार पत्र बेचके घर में आर्थिक मदद करते थे। बचपनसे गणित उसका पसंदीदा विषय था| ग्रेजुएशन स्तर की पढ़ाई के बाद १९५८ में उन्होंने डीआरडीओ में एक वैज्ञानिक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने विभिन्न रॉकेट परियोजनाओं पर काम किया, बाद में उन्हें इसरो में स्थानांतरित किया गया| वहां उन्होंने एसएलवी-३ पर काम किया। डॉ. कलाम १९९२ में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार बने। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम २००२ में भारत के ११वें राष्ट्रपति बने। उन्हें १९९० में पद्म-विभूषण से सम्मानित किया गया और १९९७ में भारत रत्न से। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम बच्चों और वैज्ञानिक समुदाय में बहुत प्रसिद्ध थे। अपनी आत्मकथा “विंग्स ऑफ फायर” में, उन्होंने हमारे साथ अपने जीवन का अनुभव साझा किया है| यह किताब हर विद्यार्थिने पढ़नी चाहिए| अफसोस की बात है कि २७ जुलाई २०१५ को ८३ वर्ष की उम्र में, डॉ. अब्दुल कलाम की हृदय की बीमारी से मृत्यु हो गई।
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. 1962 में कलाम इसरो में पहुंचे. इन्हीं के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते भारत ने अपना पहला स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान एसएलवी-3 बनाया. 1980 में रोहिणी उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा के समीप स्थापित किया गया और भारत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष क्लब का सदस्य बन गया. कलाम ने इसके बाद स्वदेशी गाइडेड मिसाइल को डिजाइन किया. उन्होंने अग्नि और पृथ्वी जैसी मिसाइलें भारतीय तकनीक से बनाईं.
7. 1992 से 1999 तक कलाम रक्षा मंत्री के रक्षा सलाहकार भी रहे. इस दौरान वाजपेयी सरकार ने पोखरण में दूसरी बार न्यूक्लियर टेस्ट भी किए और भारत परमाणु हथियार बनाने वाले देशों में शामिल हो गया. कलाम ने विजन 2020 दिया. इसके तहत कलाम ने भारत को विज्ञान के क्षेत्र में तरक्की के जरिए 2020 तक अत्याधुनिक करने की खास सोच दी गई. कलाम भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे.
8. 1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया. उसी दौरान अन्ना यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टर की उपाधि से सम्मानित किया. कलाम ने तब रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया. स्वदेशी मिसाइलों के विकास के लिए कलाम की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई.