essay on Amritsar ki aatmkatha ine Hindi
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अमृतसर पंजाब राज्य का सबसे सुंदर राज्य है . यह शहर सिख समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही पवित्र माना जाता है . अमृतसर में सिख समुदाय के गुरु रामदास का डेरा हुआ करता था . यहां पर गुरु रामदास की सत्ता चलती थी और सिक्खों के गुरु रामदास का यह मानना था कि यहां पर सिख समुदाय के आदि गुरुनानक जी अमृतसर के सरोवर में आए थे आदि गुरुनानक जी ने एक वृक्ष के नीचे विश्राम कर ध्यान लगाया था . इसीलिए रामदास ने अमृतसर में गुरुद्वारा बनाने का विचार किया और सबसे बड़ा मंदिर स्वर्ण मंदिर बनाया . अमृतसर का इतिहास काफी विचित्र रहा है . ऐसा कहा जाता है कि अमृतसर पर कई बार मुस्लिम शासक एवं अफगानी लोगों के द्वारा हमले किए गए थे लेकिन सिख समुदाय के लोगों ने अमृतसर की रक्षा की और इसकी सुंदरता बनाए रखी थी . पंजाब राज्य का सबसे सुंदर एवं सबसे अच्छा शहर अमृतसर है .
अमृतसर शहर पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है . यह शहर सिख समुदाय के लिए सबसे पवित्र शहर माना जाता है . अमृतसर कि यदि हम बात करें तो रामायण काल के समय में भी इस जगह का जिक्र हुआ है . इतिहासकारों का मानना है कि अमृतसर में राम भगवान के पुत्र लव एवं कुश पधारे थे . लव एवं कुश ने कुछ समय यहां पर व्यतीत किया था . इसके बाद ऐतिहासिक काल में आदि गुरुनानक भी यहां पर पधारे थे . जब भारत पर मुगल सम्राटों का राज था तब अमृतसर को काफी हानि मुस्लिम समुदाय के द्वारा पहुचाई गई थी . मुगल सम्राटों के कई राजाओं के द्वारा यहां की सुंदरता नष्ट की गई थी लेकिन सिख समुदाय के लोगों के सहयोग से अमृतसर की सुंदरता पुनः तैयार की गई थी . इसलिए सिख समुदाय के लिए यह शहर सबसे पवित्र शहर है . ब्रिटिश शासन के समय , स्वतंत्रता आंदोलन के समय काफी दर्दनाक घटनाएं अमृतसर में देखने को मिली थी . भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे बड़ी दुर्घटना जलियांवाला बाग में देखने को मिली थी .
जहां पर अंग्रेजों ने भारतीय निर्दोष लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी . यह घटना सबसे दर्दनाक घटना थी . इस घटना को हम कभी भी नहीं भूल सकते है . पूरा अमृतसर इस घटना से परेशान हो गया था . इस घटना के कारण अमृतसर की खुशी पूरी तरह से खो गई थी . दूसरी सबसे बड़ी घटना हम सभी को तब देखने को मिली जब पाकिस्तान का बंटवारा किया गया था . जब भारतीय स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान का बंटवारा किया गया था तब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमृतसर के लोगों पर हमला कर दिया था पाकिस्तान बटवारे के समय यहा पर दंगा हुआ था . अमृतसर का अस्तित्व भारत देश में काफी पुराना है . अमृतसर का अस्तित्व भारत में 400 साल पुराना है . यहां का गोल्डन मंदिर , स्वर्ण मंदिर काफी चर्चाओं में रहता है . इस मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से काफी लोग अमृतसर घूमने के लिए आते हैं . यह मंदिर एवं गुरुद्वारा तकरीबन 500 बीघा जमीन में बनाया गया है .
इस मंदिर की नींव सिख समुदाय की गुरु रामदास ने रखी थी क्योंकि रामदास इस शहर को पवित्र मानते थे . स्वर्ण मंदिर पर विश्व का सबसे बड़ा लंगर होता है . यह लंगर खाने के लिए काफी दूर-दूर से लोग अमृतसर आते हैं . पूरे सिख समुदाय के लोगों की आस्था अमृतसर से जुड़ी हुई है .
अमृतसर शहर पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है . यह शहर सिख समुदाय के लिए सबसे पवित्र शहर माना जाता है . अमृतसर कि यदि हम बात करें तो रामायण काल के समय में भी इस जगह का जिक्र हुआ है . इतिहासकारों का मानना है कि अमृतसर में राम भगवान के पुत्र लव एवं कुश पधारे थे . लव एवं कुश ने कुछ समय यहां पर व्यतीत किया था . इसके बाद ऐतिहासिक काल में आदि गुरुनानक भी यहां पर पधारे थे . जब भारत पर मुगल सम्राटों का राज था तब अमृतसर को काफी हानि मुस्लिम समुदाय के द्वारा पहुचाई गई थी . मुगल सम्राटों के कई राजाओं के द्वारा यहां की सुंदरता नष्ट की गई थी लेकिन सिख समुदाय के लोगों के सहयोग से अमृतसर की सुंदरता पुनः तैयार की गई थी . इसलिए सिख समुदाय के लिए यह शहर सबसे पवित्र शहर है . ब्रिटिश शासन के समय , स्वतंत्रता आंदोलन के समय काफी दर्दनाक घटनाएं अमृतसर में देखने को मिली थी . भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे बड़ी दुर्घटना जलियांवाला बाग में देखने को मिली थी .
जहां पर अंग्रेजों ने भारतीय निर्दोष लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी . यह घटना सबसे दर्दनाक घटना थी . इस घटना को हम कभी भी नहीं भूल सकते है . पूरा अमृतसर इस घटना से परेशान हो गया था . इस घटना के कारण अमृतसर की खुशी पूरी तरह से खो गई थी . दूसरी सबसे बड़ी घटना हम सभी को तब देखने को मिली जब पाकिस्तान का बंटवारा किया गया था . जब भारतीय स्वतंत्रता के बाद पाकिस्तान का बंटवारा किया गया था तब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अमृतसर के लोगों पर हमला कर दिया था पाकिस्तान बटवारे के समय यहा पर दंगा हुआ था . अमृतसर का अस्तित्व भारत देश में काफी पुराना है . अमृतसर का अस्तित्व भारत में 400 साल पुराना है . यहां का गोल्डन मंदिर , स्वर्ण मंदिर काफी चर्चाओं में रहता है . इस मंदिर के दर्शन के लिए देश-विदेश से काफी लोग अमृतसर घूमने के लिए आते हैं . यह मंदिर एवं गुरुद्वारा तकरीबन 500 बीघा जमीन में बनाया गया है .
इस मंदिर की नींव सिख समुदाय की गुरु रामदास ने रखी थी क्योंकि रामदास इस शहर को पवित्र मानते थे . स्वर्ण मंदिर पर विश्व का सबसे बड़ा लंगर होता है . यह लंगर खाने के लिए काफी दूर-दूर से लोग अमृतसर आते हैं . पूरे सिख समुदाय के लोगों की आस्था अमृतसर से जुड़ी हुई है .
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