Hindi, asked by psynapse7755, 10 months ago

Essay on ancient and modern means of transport in hindi

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Answered by shailjasinha523
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Answer:

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । नए-नए संबंध स्थापित करना, देशाटन पर जाना, नवीनतम की खोज करना आदि की प्रवृत्ति उसमें सदैव से ही रही है । उसकी इन्हीं इच्छाओं व आकांक्षाओं ने विश्व में असंभव लगने वाले अनेक कार्यों को संभव कर दिखाया है ।

यातायात के नवीनतम साधन किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं जिनके माध्यम से आज मनुष्य महीनों तथा वर्षों में तय की जाने वाली दूरी को कुछ ही घंटों या दिनों में पूरा कर लेता है ।

आदिकाल में मनुष्य के पास यातायात के साधन नहीं थे । परंतु धीरे-धीरे सभ्यता के विकास के साथ उसे आवागमन के कुछ आसान उपायों की आवश्यकता महसूस हुई। उसकी इन्हीं आवश्यकताओं ने उसे आवागमन के लिए पशुओं का उपयोग करना सिखाया ।

उसने समय और स्थान के साथ घोड़ों, हाथियों, ऊँटों आदि का प्रयोग किया। घोड़े तथा ऊँट तो आज भी मनुष्य के अनेक कार्यो में प्रयोग किए जाते हैं । गाँवों में जहाँ कच्ची सड़कें व पगडंडियाँ हैं वहाँ आज भी घोड़ों व बैलों आदि का प्रयोग होता है।

कालांतर में विज्ञान के माध्यम से मनुष्य ने यातायात के लिए अनुपम साधनों की खोज की जिसने आवागमन को अप्रत्याशित रूप से सरल व सुगम बना दिया है । यातायात के आधुनिकतम साधनों ने विश्व की सीमाओं को अति सीमित कर दिया है। रेलगाड़ी, मोटरकार, बस, हवाई जहाज आदि के माध्यम से बहुत कम समय में ही लंबी दूरी तय की जा सकती है ।

भाप के इंजन के आविष्कार ने यातायात के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी थी । आज रेलगाड़ी के द्‌वारा हजारों लोग एक समय में ही एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करते हैं । भाप तथा डीजल के इंजन के अतिरिक्त आज अनेकों विद्‌युतचालित रेलगाड़ियाँ हैं । जापान जैसे विकसित देशों में तो ऐसी भी रेलगाड़ियाँ उपलब्ध हैं जिनकी गति 200 किमी॰ प्रति घंटा से भी अधिक है ।

गति के साथ-साथ इन गाड़ियों में वातानुकूलित डिब्बे व खान-पान जैसी सभी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं । बस की यात्रा भी कुछ इसी प्रकार है । आज के युग में बसों व रेलगाड़ियों में यात्रा करना प्राचीनकाल की तुलना में सुरक्षा से परिपूर्ण है । अब यात्रा में पूर्व की भाँति भय वाली बात नहीं रह गई है ।

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