Hindi, asked by anandwanaskar468, 3 months ago

essay on andhshrady in Hindi​

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Answered by kriti0550
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आज की 21वीं सदी में भी देश में अनेक लोग अंधविश्वास में यकीन करते है। ऐसे लोग अक्सर बाबाओ, साधुओं, तांत्रिकों के बहकावे में आकर अपना धन, इज्जत गवां बैठते है। देश में स्त्रियाँ अधिक अंधविश्वास का शिकार है। हमें अंधविश्वास के विषय में जानना बहुत ही आवश्यक है।

अधिकतर स्त्रियाँ पुत्र, सन्तान पाने के लिए बाबाओ के चक्कर लगाती है। ऐसे बाबा, साधु भोली भाली औरतों से मोटी रकम वसूलते है। कई बार उनकी इज्जत पर भी खतरा उठ जाता है। इसलिए कभी भी ऐसे पाखंडी लोगो के बहकावे में नही आना चाहिये। ऐसे लोग हमारे मन में भय पैदा करके अनुचित लाभ उठाते है।

आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास को अनेक लोग मानते है। बिल्ली द्वारा रास्ता काटने पर रुक जाना, छीकने पर काम का न बनना, उल्लू का घर की छत पर बैठने को अशुभ मानना, बायीं आँख फड़कने पर अशुभ समझना, नदी में सिक्का फेंकना ऐसी अनेक धारणाएं आज भी हमारे बीच मौजूद है।

आज का युग सबसे आधुनिक युग है ये तो हमने नजाने कितनी बार सुना होगा, आज हर चीज का विज्ञान मौजूद है। जब भी कोई चीज होती है या की जाती है तो उसके पीछे कोई ना कोई विज्ञानिक कारण होता ही है यह हमे अक्सर सिखाया जाता है।

पर जबभी सुबह में समाचार पत्र पढ़ने बैठता हू तो एक ना एक ऐसी खबर होती है जिसमें अंधविश्वास के कारण ये हुआ वो हुआ यह छपा होता है। इस अंधविश्वास के चक्कर में ना जाने रोज कितने लोग मरते है। मुझे पता नहीं क्यों और कैसे जब भी टीव्ही पर समाचार का प्रसारण होता है और कोई अंधविश्वास की खबर होती है तब बड़े पढे लिखे लोग ही इस अंधविश्वास के चक्कर में फस जाते है, ना जाने ऐसा क्यों है।

पर मुझे जब भी टीव्ही पर अंधविश्वास फैलाने वाले डोंगी दिखाए जाते है तब मुझे तो हसी आजती है कोई कुंकु फेकता है, कोई राख उड़ता है तो कोई झाड़ू लेकर कुछ करता है और कुछ पागलों के भाती चिल्लाते है। यह सब दृश्य टीव्ही पर देख कर मेरा तो हस हस कर पेट दुखने लग जाता है।

हमें घर के लोग हमेशा अच्छी बाते ही सिखाते है पर पता नहीं क्यों ये अंधश्रद्धा और अंधविश्वास की बाते हमरे घर से ही शुरू होती है। जैसे कुछ नई चीज लाई तो उसकी नजर उतरते है, बिल्ली ने रास्ता कटा तो रास्ता पार नहीं करते ऐसे अंधविश्वास हमने जरूर सुने होंगे और हम अंधश्रद्धा के चलते इन अंधविश्वास को हम मानते भी है।

मैने एक कहानी सुनी थी, एक गाव में शादी थी और जहा शदी थी वह आम बात है कि लोगों की भीड़ होगी। जिस घर में शादी थी उस घर में एक बिल्ली थी। जब ब्राह्मण पूजा कर रहा था तब वह बिल्ली वहा घूम रही थी, वह बिल्ली वहा घूमने से वह कुछ नुकसान ना करे इस चिंता से उस ब्राह्मण ने उस बिल्ली को बांद कर रखने केलिए कहा यह बात लोगों ने देखी और सोचा कि शादी के लिए बिल्ली को बांदना जरूरी है। फिर इसके बात यह अंधविश्वास गाव में फेल गया। इसी तरह से अंधविश्वास फैलता है।

कुछ लोग एकदम सीधे और भोले होते है और इसी का फायदा लेकर ढोंगी पाखंडी बाबा लोगों को अंधविश्वास के चलते लोगों को फसाते है और लुटते है।

हर बात झूटी नहीं होती, और हर बात सच नहीं होती। इसीलिए सही बात पर विश्वास रखना चाहिए और अंधविश्वास को नहीं पालन चाहिए ना किसीको पालने देना चाहिए।

समाप्त।

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