essay on anekta mein ekta
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प्राचीन काल से ही भारत अनेक विविधताओ वाला देश रहा है। एतिहासिक तौर से मौर्य ए मुगल एवं ब्रिटिश शासन सभी ने अपनी अपनी विविधताओ को भारत की संस्कृति मे समायोजित किया है। भारत को सामाजिकए सांस्कृतिक ए भोगोलिक ए आर्थिक एवं धार्मिक विविधताओ का एक अखंड राष्ट्र भी कहा जाता है। सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से देखे तो भारत मे विभिन्न समाज के लोग उदाहरण के लिए – हिंदीए मराठीए पंजाबी ए गुजराती ए बंगाली ए तमिल ए तेलुगू ए कन्नड़ए उड़िया आदि एएक साथ मिलकर आनंद पूर्वक ए शांति के साथ अपना जीवन यापन करते है। भारत मे लगभग 122 प्रकार की भिन्न भिन्न भाषाओ को बोलने वाले लोग पाये जाते है। भारतीय संविधान के अनुसार भी भारत मे आठ ;8द्ध भाषाओ को संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त है । भारत मे अनेक प्रकार के धर्मों का अस्तित्व हैए जैसे – हिन्दू ए मुस्लिम ए सिक्ख ए ईसाई ए जैन इत्यादि। अनेक प्रकार के भिन्न भिन्न धर्मो के त्योहारों जैसे .दीवालीए होली ए ईदए किसमस ए वैशाखी ए पोंगल ए ओणम आदि को सम्पूर्ण भारत मे एक साथ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है ।
भोगोलिक रूप से यदि भारत का विष्लेषण करें तोए हम पाएंगे कि विशाल भारत अनेक छोटे छोटे भोगोलिक प्रदेशो जैसे. उत्तर के पर्वतीय प्रदेशए उत्तर का विशाल मैदानए प्रायद्वीपीय प्रदेश ए पूर्वी एवं पश्चिमी घाट आदि का एक सम्मिलित देश है । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एवं गुजरात से लेकर उत्तरपूर्व मे अरुणाचल प्रदेश तक भारत अनेक विविधताओ का एक लोकतान्त्रिक देश है। भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी भारत को एक अखंड देश के रूप मे स्थापित होने मे अहम भूमिका रही है। तात्पर्य ये है किए भारतीय संविधान भी सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है। भारत की अर्थ व्यवस्था भी अनेक प्रकार की अर्थ व्यवस्थाओं का एक सम्मिश्रण है। भारत मे पूंजीपति ए नौकरीपेशाए निर्धनए किसान एव्यापारी सभी प्रकार के लोग पाये जाते है। विकासशील अर्थ व्यवस्था वाला भारत देश ए निष्पक्षता से सभी प्रकार के लोगो को रोजगार एवं मूलभूत सुविधाए प्रदान करता है।
निष्कर्ष ये है कि एअनेक प्रकार की विविधताओ के होने के बावजूद भी ए भारत एक है। भारत एक ऐसा फूलो का बाग है जिसमे विभिन्न प्रकार के फूल अर्थात लोग पाये जाते है। भारत ने सम्पूर्ण विश्व मे अनेकता मे एकता के रूप मे अपनी अलग पहचान स्थापित की है।
भोगोलिक रूप से यदि भारत का विष्लेषण करें तोए हम पाएंगे कि विशाल भारत अनेक छोटे छोटे भोगोलिक प्रदेशो जैसे. उत्तर के पर्वतीय प्रदेशए उत्तर का विशाल मैदानए प्रायद्वीपीय प्रदेश ए पूर्वी एवं पश्चिमी घाट आदि का एक सम्मिलित देश है । कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक एवं गुजरात से लेकर उत्तरपूर्व मे अरुणाचल प्रदेश तक भारत अनेक विविधताओ का एक लोकतान्त्रिक देश है। भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की भी भारत को एक अखंड देश के रूप मे स्थापित होने मे अहम भूमिका रही है। तात्पर्य ये है किए भारतीय संविधान भी सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करता है। भारत की अर्थ व्यवस्था भी अनेक प्रकार की अर्थ व्यवस्थाओं का एक सम्मिश्रण है। भारत मे पूंजीपति ए नौकरीपेशाए निर्धनए किसान एव्यापारी सभी प्रकार के लोग पाये जाते है। विकासशील अर्थ व्यवस्था वाला भारत देश ए निष्पक्षता से सभी प्रकार के लोगो को रोजगार एवं मूलभूत सुविधाए प्रदान करता है।
निष्कर्ष ये है कि एअनेक प्रकार की विविधताओ के होने के बावजूद भी ए भारत एक है। भारत एक ऐसा फूलो का बाग है जिसमे विभिन्न प्रकार के फूल अर्थात लोग पाये जाते है। भारत ने सम्पूर्ण विश्व मे अनेकता मे एकता के रूप मे अपनी अलग पहचान स्थापित की है।
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