essay on awara pashu pakshi ki samasya aur uska nidan in hindi
Answers
वर्तमान मे आवारा पशु पक्षी शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रो मे गंभीर समस्या बन गई है । गाय , भैस , बैल , बकरियाँ , कुत्ते , मुर्गे आदि आवारा पशुपक्षी रहवासी इलाको मे बहुतायत से घूमते मिल जाते है। यदि इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते है। आवारा पशु यातायात को बाधित करते है जिससे सड़क दुर्घटनाएँ होती है और यातायात जाम भी हो जाता है। आवारा पशुपक्षी अपने मल-मूत्र से गाँव और शहर को अस्वच्छ करते है । इस से कई बीमारियाँ फेलने का खतरा होता है ।
आवारा पशुपक्षी की समस्या से निदान के लिए शासन को सख्ती के साथ इन पशुओं को कांजी हाउस मे डालना चाहिए । इसके साथ ही इनके मालिकों पर भी सख्त कारवाई करनी चाहिए ताकि वे अपने पालतू पशुओ को आवारा न छोड़े । साथ साथ घनी आवादी वाले क्षेत्रो मे पालतू पशुओ की संख्या पर भी सीमा होना चाहिए।
रेडियो , टेलिविजन , समाचार पत्र आदि संचार के साधनो के माध्यम से लोगो मे इस समस्या के प्रति जागरूकता फेलाना चाहिए।
Answer:
Explanation:
आवारा पशु पक्षियों की समस्या एवं उनके निदान
वर्तमान मे आवारा पशु पक्षी शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रो मे गंभीर समस्या बन गई है । गाय , भैस , बैल , बकरियाँ , कुत्ते , मुर्गे आदि आवारा पशुपक्षी रहवासी इलाको मे बहुतायत से घूमते मिल जाते है। यदि इस समस्या का निदान नहीं किया गया तो इसके कई दुष्प्रभाव हो सकते है। आवारा पशु यातायात को बाधित करते है जिससे सड़क दुर्घटनाएँ होती है और यातायात जाम भी हो जाता है। आवारा पशुपक्षी अपने मल-मूत्र से गाँव और शहर को अस्वच्छ करते है । इस से कई बीमारियाँ फेलने का खतरा होता है ।
आवारा पशुपक्षी की समस्या से निदान के लिए शासन को सख्ती के साथ इन पशुओं को कांजी हाउस मे डालना चाहिए । इसके साथ ही इनके मालिकों पर भी सख्त कारवाई करनी चाहिए ताकि वे अपने पालतू पशुओ को आवारा न छोड़े । साथ साथ घनी आवादी वाले क्षेत्रो मे पालतू पशुओ की संख्या पर भी सीमा होना चाहिए।
रेडियो , टेलिविजन , समाचार पत्र आदि संचार के साधनो के माध्यम से लोगो मे इस समस्या के प्रति जागरूकता फेलाना