Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

Essay on बढती जनसँख्या घटते वन | badthi jansankya ghathey van | increasing population and decreasing forest

Answers

Answered by duragpalsingh
164

यह सर्वविदित तथ्य है कि भारत की जनसंख्या जिस तेजी से बढ़ रही है उतने ही संसाधन घटते जा रहे है| शहरीकरण ने वनों को लील लिया है| प्रकृति की नियत व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का दंड हम भुगत रहे है| वैश्विक तापक्रम वृद्धि, भूजल का गिरता स्तर, अनियमित वर्षा, प्रदूषण में वृद्धि जैसे अनेकों दंड हमें मिल रहे है पर हम अब भी अचेत है| क्योंकि तेजी से अब भी वनों को काट रहे है| कृषि योग्य भूमि व चरागाह तो नाममात्र के रह गये है| नए वृक्ष लगाना तो दूर, वनों की अंधाधुंध कटाई हो रही है| मनुष्य जीवन के सोलह संस्कारों में वृक्ष की उपस्थिति अनिवार्य है| वनों को नष्ट करने से पूरी व्यवस्था दुष्प्रभावित होती है| अनावृष्टि, आक्सीजन की कमी, शुद्ध जल व अनाज का अभाव, ग्लेशियर पिघलने से समुद्र के जलस्तर बढने का खतरा ये सब विनाश के पूर्व संकेत है|  पानी की नित्य बर्बादी हो रही है| ऊँची-ऊँची इमारतें बन रही है| उद्योग और रिहायशी इलाके बढ रहे है| वन्य जानवर गाँवो में आने लगे है क्योंकि वन इतने छोटे हो गये है कि उनकी उदरपूर्ति नहीं होती| ये समस्याएं बढती जायेगी यदि हमने वनों की कटाई नहीं रोकी| वनों में पाई जाने वाली दुर्लभ और असरकारक ओषधियाँ भी नष्ट हो रही है| कृत्रिम रूप से पकाए गये और विषेले कीटनाशकयुक्त फल व सब्जियां  खाना हमारी मजबूरी है| मौसम चक्र बदल रहा है| जैविक खेती तो अब ईद का चाँद हो गई है| मनुष्य आयु से पहले ही वृद्ध हो रहे है|  आबादी बढने से लोगो की जरूरतें भी बढ़ रही है| वन्य लकड़ी का प्रयोग घर व फर्नीचर बनाने में किया जा रहा है| हरित क्षेत्र कम होते जा रहे है| वनों की कटाई रोकने के लिए सख्त नियम बनाना ही पर्याप्त नहीं है वरन उनका सख्ती से पालन भी होना चाहिए| वहीँ दूसरी और हमें जनसँख्या नियन्त्रण हेतु भी जागृति लानी होगी|   अधिक जनसंख्या से विकास की गति मंद पड़ जाती है| निष्कर्ष रूप में कहे तो इस असंतुलन के उत्तरदायी सभी मनुष्य है| अत: अपना जीवन सुखद बनाने के लिए हमें कृतसंकल्प होना होगा कि हम न सिर्फ वनों की कटाई रोकेंगे वरन वृक्षारोपण करेंगे और नियमित रूप से उनकी देखभाल करेंगे| तभी इस पृथ्वी पर जीवन सुचारू रहेगा|

Answered by Anonymous
28
REFER TO THE ATTACHMENT@!!
Attachments:
Similar questions