essay on budhi ki sada vijay hoti hai (in hindi) ?
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बुद्धि न हो तो हम कुछ भी नहीं है। बुद्धि जिसके होने से हम हर उल्टी बाजी को जीत सकते है। बुद्धि जो हमारे अंग अंग को कंट्रोल करता है। हम हंसते है बुद्धि के इशारे से, खाते है उसके इशारे से, सब कुछ बुद्धि के ईशारे से। सोचते है बुद्धि के इशारे से।
अगर बुद्धि व ज्ञान को हमारे जीवन का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण अंग माना जाए तो कोर्इ अतिशयोक्ति नही होगी। बिना बुद्धि के जब संसार के छोटे–छोटे काम जैसे सब्जी आदि खरीदना, अपने गन्तव्य स्थान पर उचित समय पर पहुंचना, नल आदि की मरम्मत करना आदि ही नहीं किए जा सकते तो यह कल्पना करना भी व्यर्थ है कि बुद्धि व ज्ञान के बिना हम अपने जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अब अगर हम बुद्धि जैसे सबसे महत्त्वपूर्ण यंत्र का उपयोग अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में न करें तो हम से बड़ा मूर्ख कोर्इ न होगा। बुद्धि को हम विवेक अथवा तर्क शक्ति भी कह सकते हैं।
बुद्धि की कार्य शैली है-निर्धारित माप दण्डों द्वारा संग्रहित जानकारियों का विश्लेषण कर उस विषय की सत्यता व असत्यता का निर्णय करना। बुद्धि द्वारा किए गए निर्णय पर विश्वास करना ही श्रद्धा है।
सही बुद्धि पाने के लिए हमें ज्ञान-मार्ग वा कर्म–मार्ग से र्इश्वर को प्राप्त करना आवश्यक है। जैसे–जैसे हम र्इश्वर को प्राप्त करने के पथ पर अग्रसर होते जाते हैं वैसे–वैसे हमारी बुद्धि सही होती जाती है। बुद्धि का कार्य क्षेत्र किसी विषय को जनाने तक ही सीमित है।
हर हाल में बुद्धि की जय होती है क्योंकि बिना बुद्धि के हम चल नहीं सकते।
अगर बुद्धि व ज्ञान को हमारे जीवन का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण अंग माना जाए तो कोर्इ अतिशयोक्ति नही होगी। बिना बुद्धि के जब संसार के छोटे–छोटे काम जैसे सब्जी आदि खरीदना, अपने गन्तव्य स्थान पर उचित समय पर पहुंचना, नल आदि की मरम्मत करना आदि ही नहीं किए जा सकते तो यह कल्पना करना भी व्यर्थ है कि बुद्धि व ज्ञान के बिना हम अपने जीवन के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। अब अगर हम बुद्धि जैसे सबसे महत्त्वपूर्ण यंत्र का उपयोग अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने में न करें तो हम से बड़ा मूर्ख कोर्इ न होगा। बुद्धि को हम विवेक अथवा तर्क शक्ति भी कह सकते हैं।
बुद्धि की कार्य शैली है-निर्धारित माप दण्डों द्वारा संग्रहित जानकारियों का विश्लेषण कर उस विषय की सत्यता व असत्यता का निर्णय करना। बुद्धि द्वारा किए गए निर्णय पर विश्वास करना ही श्रद्धा है।
सही बुद्धि पाने के लिए हमें ज्ञान-मार्ग वा कर्म–मार्ग से र्इश्वर को प्राप्त करना आवश्यक है। जैसे–जैसे हम र्इश्वर को प्राप्त करने के पथ पर अग्रसर होते जाते हैं वैसे–वैसे हमारी बुद्धि सही होती जाती है। बुद्धि का कार्य क्षेत्र किसी विषय को जनाने तक ही सीमित है।
हर हाल में बुद्धि की जय होती है क्योंकि बिना बुद्धि के हम चल नहीं सकते।
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ज्ञान हमारे जीवन में उद्देश्य और गुण के विचारशील परस्पर क्रिया है। यह समझने की क्षमता है कि क्या सही, सही, महत्वपूर्ण या स्थायी है और इस ज्ञान को ध्यान में रखते हुए कार्य करता है।
कई परंपराओं में, ज्ञान को दया और ज्ञान के मिश्रण के रूप में देखा जाता है जो अन्य गुणों के अभ्यास के जरिए मूर्त कार्रवाई में आते हैं। साथ में, ज्ञान और करुणा हमें ऐसी चीजों को समझने की क्षमता देती है जो वास्तव में हैं, गहराई से परहेज करते हैं, और उन तरीकों से कार्य करते हैं जो कि हम जो चाहें की अच्छी तरह से सेवा करते हैं।
हम केवल धैर्य और अभ्यास के साथ ज्ञान की ओर बढ़ते हैं बुद्धि जीवन भर की खेती लेती है अगर हम ज्ञान की तलाश करते हैं, तो अंतर्दृष्टि हमारे दिन-प्रतिदिन कार्यों के मार्गदर्शन में उभरती हैं। समय के साथ, ये छोटे विवरण दुनिया के लिए हमारे अद्वितीय योगदान के रूप में जमा होते हैं।
कई परंपराओं में, ज्ञान को दया और ज्ञान के मिश्रण के रूप में देखा जाता है जो अन्य गुणों के अभ्यास के जरिए मूर्त कार्रवाई में आते हैं। साथ में, ज्ञान और करुणा हमें ऐसी चीजों को समझने की क्षमता देती है जो वास्तव में हैं, गहराई से परहेज करते हैं, और उन तरीकों से कार्य करते हैं जो कि हम जो चाहें की अच्छी तरह से सेवा करते हैं।
हम केवल धैर्य और अभ्यास के साथ ज्ञान की ओर बढ़ते हैं बुद्धि जीवन भर की खेती लेती है अगर हम ज्ञान की तलाश करते हैं, तो अंतर्दृष्टि हमारे दिन-प्रतिदिन कार्यों के मार्गदर्शन में उभरती हैं। समय के साथ, ये छोटे विवरण दुनिया के लिए हमारे अद्वितीय योगदान के रूप में जमा होते हैं।
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