Hindi, asked by mayank22uu, 1 year ago

Essay on charitra bal in hindi


sayeduzair: charitr bal means character power
sayeduzair: ?????

Answers

Answered by AneeshGhatta
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sayeduzair: that was not the ques.
Answered by praveenkumaryadav65
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Answer:

व्यक्ति का आचरण या चाल चलन चरित्र कहलाता है. शक्ति का कार्यकारी रूप बल हैं. आचरण और व्यवहार में शुद्धता रखते हुए द्रढ़ता से कर्तव्य पथ पर बढ़ते रहना चरित्र बल है. यूनानी साहित्यकार प्लूटार्क के शब्दों में चरित्र बल लेवल दुदीर्घकालीन स्वभाव की शक्ति हैं.

चरित्र बल ही मानवीय गुणों की मर्यादा है. स्वभाव और विचारों की द्रढ़ता का सूचक हैं. तप त्याग और तेज का दर्पण तथा सुखमय सहज जीवन जीने की कला हैं. आत्म शक्ति के विकास का अंकुर है. सम्मान और वैभव प्राप्ति का सौपान हैं.

चरित्र बल अजेय है, भगवान को परम प्रिय है और हे संकट का सहारा. उनके सामने रिद्धिया सिद्धियाँ तक तुच्छ हैं. वह ज्ञान, भक्ति और वैराग्य से परे है. विद्धता उसके मुकाबले कम मूल्यवान है. चरित्रवान की महत्ता व्यक्त करते हुए शेक्सपियर लिखते है.

उसके शब्द इकरारनामा हैं उसकी शपथे आप्तवचन है, उसका प्रेम निष्ठापूर्ण हैं. उसके विचार निष्कलंक हैं. उसका ह्रदय छल से दूर है जैसा कि स्वर्ग पृथ्वी से.

चरित्र बल जन्मजात नहीं होता है, यह तो मानव द्वारा निर्मित स्वयं की चीज हैं. सेमुअल स्माइल की धारणा है कि आत्म प्रेम, प्रेम तथा कर्तव्य से प्रेरित किये गये हैं.

बड़े बड़े कार्यों से ही चरित्र बल का निर्माण होता हैं. स्वामी शिवानन्द का मत है कि विचार वें इटे हैं जिससे चरित्र बल का निर्माण होता हैं. गेटे का विचार है कि चरित्र बल का निर्माण संसार के कोलाहल में होता हैं.

सच्चाई तो यह है कि अन्य गुणों का विकास एकांत में भली भांति संभव हैं पर चरित्र बल के उज्ज्वल विकास के लिए सामजिक जीवन चाहिए. सामजिक जीवन ही उसके धैर्य, क्षमा, यम, नियम अस्तेय पवित्रता सत्य एवं इन्द्रिय निग्रह की परीक्षा की भूमि हैं.

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