Hindi, asked by amishapatel72187, 1 year ago

essay on cleanliness is next to godliness .. Hindi essay

Answers

Answered by suryakant38
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Hope it helps you ...
and best of luck for essay writing ..
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amishapatel72187: thnk u so much
amishapatel72187: Indian monkey
suryakant38: u most welcome ..my red tomato
amishapatel72187: aww my bff
Answered by Anonymous
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Hay mate here is your answer ✌❤☺


“स्वच्छता भक्ति से भी बढ़कर है” आम और प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि स्वच्छता अच्छाई के लिए सबकुछ है। लोगों को अपनी स्वस्थ जीवन शैली और स्वस्थ जीवन को बनाए रखने के लिए स्वंय को स्वच्छ और साफ रखना चाहिए। स्वच्छता भक्ति के लिए एक रास्ता है और भक्ति सन्तुलित मन, आत्मा और शरीर का रास्ता है। साफ होने का अर्थ है, स्वंय को शारीरिक और मानसिक रुप से स्वच्छ रखना। अपने शरीर को साफ, स्वच्छ और सही तरीके से तैयार करके रखना, हमें आत्मविश्वास और सकारात्मक विचारों के लिए काफी सक्षम बनाता है। अच्छी तरह से तैयार होने के साथ ही स्वच्छता की आदत, दूसरों पर अच्छा प्रभाव डालती है और समाज में अच्छी प्रतिष्ठा बनाती है, क्योंकि स्वच्छता एक व्यक्ति के साफ चरित्र को प्रदर्शित करती है।

यह माना जाता है कि, स्वच्छता की आदत को बनाए रखने वाले और अच्छी तरह से तैयार होने की आदत को विकसित करने वाले लोग, साफ चरित्र और आमतौर पर पवित्र और भगवान से डरने वाले होते हैं। इस तरह के लोग धार्मिक होने के द्वारा अपने जीवन में कुछ निश्चित नैतिकता और साफ हृदय रखते हैं। हम कह सकते हैं कि, भक्ति साफ हृदय से शुरु होती है और साफ हृदय वाला व्यक्ति अच्छे चरित्र वाला व्यक्ति हो सकता है। यही वह कारण है, जिसके कारण किसी भी धर्म का पुजारी पूजा करने से पहले शरीर और मन को साफ करने के लिए कहते हैं। भगवान के करीब रहने के लिए स्वच्छता सबसे पहली और महत्वपूर्ण चीज है।

वहीं दूसरी ओर, स्वच्छ रहना हमारे प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करता है और हमें बहुत सी भयंकर और गंभीर बीमारियों से सुरक्षित करता है। फिर भी, साफ लोग गन्दें लोगों के संपर्क में बीमार हो सकते हैं, लेकिन वे छोटी समस्याओं का सामना करने के लिए काफी मजबूत होते हैं। वे गरीब और गंदे लोगों को स्वच्छता के बारे में निर्देश देने सहित स्वच्छता से संबंधित अपने आस-पास की चीजों का प्रबंध कर लेते हैं।

समुचित साफ-सफाई के साथ रहने वाले लोग गन्दे चहरे, हाथों, गन्दे कपड़ों और बुरी तरह से महकने वाले कपड़ों वाले लोगों से मिलने में शर्म महसूस करते हैं, क्योंकि इस तरह के लोगों से मिलने में वे अपना अपमान महसूस करते हैं। शरीर की स्वच्छता वास्तव में अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक है। वहीं दूसरी ओर, शारीरिक स्वच्छता आन्तरिक स्वच्छता प्रदान करती है और हृदय और मन को साफ रखती है। मन की स्वच्छता हमें मानसिक रुप से स्वच्छ रखती है और मानसिक परेशानियों से बचाती है। इसलिए, पूरी स्वच्छता हमें गंदगी और बीमारियों से दूर रखती है, क्योंकि ये दोनों (गंदगी और बीमारियाँ) साथ में चलती है, जहाँ गंदगी होगी वहाँ बीमारियाँ होंगी।

बीमारी का कारण कीटाणुओं की नस्लें हैं और वे गंदगी में बहुत तेजी से बढ़ती है, जिसके कारण संक्रमण होता है और हैजा जैसी बहुत सी बीमारियाँ हो सकती हैं। इसलिए, स्वस्थ, सुखी और शान्तिपूर्ण जीवन जीने के लिए, हम सभी को जीवन के हरेक पहलु में स्वच्छता की आदत को विकसित करना चाहिए, क्योंकि गंदगी नैतिक बुराई का रुप है, वहीं स्वच्छता नैतिक शुद्धता का प्रतीक है।




Hope it will help you ☺❤

amishapatel72187: thanks
amishapatel72187: i think it is from Google
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