Essay on Dayanad Saranskrit
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स्वामी दयानन्द सरस्वती पर निबंध
स्वामी दयानन्द सरस्वती एक महान सुधारक थे। जिस समय पूरा भारत वर्ष अशिक्षा, अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के अंधकर में डूबा हुआ था। उसी समय ज्योतिपुंज के रूप में दयानन्द सरस्वती का जन्म हुआ। स्वामी दयानन्द ने हिन्दु धर्म को एक नया मोड़ दिया। उनके सद् उपदेशों से हिन्दू समाज में नयी चेतना का संचार हुआ।
स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 ई. को गुजरात में टंकारा नामक स्थान पर हुआ। इनके पिता श्री अम्बा शंकर शिव के उपासक थे। अतः उन्होंने अपने पुत्र का नाम ‘मूल शंकर’ रखा। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा संस्कृत भाषा में घर पर ही हुई। आपने बारह वर्ष की उम्र तक संस्कृत का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया।
एक बार शिवरात्रि के पर्व पर इन्होंने पिता के कहने से व्रत रखा। रात्रि में वह अपने पिता के साथ मंदिर गये। सभी भक्तगण कुछ देर के बाद ऊँघने लगे। बालक मूलशंकर ने देखा कि एक चूहा शिवलिंग पर चढ़ कर वहाँ रखी मिठाई खा रहा है। उनके मन में विचार आया कि जो शिवलिंग अपनी मिठाई की रक्षा नहीं कर सकता वह भक्तों की रक्षा कैसे करेगा। इस घटना ने उनके जीवन को एक नयी दिशा दी। बालक मूल शंकर सच्चे शिव की खोज में चल दिया।
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स्वामी दयानन्द सरस्वती एक महान सुधारक थे। जिस समय पूरा भारत वर्ष अशिक्षा, अंधविश्वास और रूढ़िवादिता के अंधकर में डूबा हुआ था। उसी समय ज्योतिपुंज के रूप में दयानन्द सरस्वती का जन्म हुआ। स्वामी दयानन्द ने हिन्दु धर्म को एक नया मोड़ दिया। उनके सद् उपदेशों से हिन्दू समाज में नयी चेतना का संचार हुआ।
स्वामी दयानन्द सरस्वती का जन्म 12 फरवरी, 1824 ई. को गुजरात में टंकारा नामक स्थान पर हुआ। इनके पिता श्री अम्बा शंकर शिव के उपासक थे। अतः उन्होंने अपने पुत्र का नाम ‘मूल शंकर’ रखा। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा संस्कृत भाषा में घर पर ही हुई। आपने बारह वर्ष की उम्र तक संस्कृत का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया।
एक बार शिवरात्रि के पर्व पर इन्होंने पिता के कहने से व्रत रखा। रात्रि में वह अपने पिता के साथ मंदिर गये। सभी भक्तगण कुछ देर के बाद ऊँघने लगे। बालक मूलशंकर ने देखा कि एक चूहा शिवलिंग पर चढ़ कर वहाँ रखी मिठाई खा रहा है। उनके मन में विचार आया कि जो शिवलिंग अपनी मिठाई की रक्षा नहीं कर सकता वह भक्तों की रक्षा कैसे करेगा। इस घटना ने उनके जीवन को एक नयी दिशा दी। बालक मूल शंकर सच्चे शिव की खोज में चल दिया।
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