Essay on desh ke prati hamara kartavya
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एक समाज, समुदाय या देश के नागरिक होने के नाते कुछ कर्त्तव्यों का पालन व्यक्तिगत रूप से भी किए जाने की आवश्यकता हैं। देश में उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए सभी को नागरिकता के कर्त्तव्यों का पलान करना चाहिए। एक देश पिछड़ा, गरीब या गरीब हैं तो सब-कुछ उसके नागरिकों पर निर्भर करता हैं तब तब और भी विशेष रूप से जब वह देश एक प्रजातांत्रिक देश हों। प्रत्येक को देश के अच्छे नागिरक होने के साथ ही देश के प्रति वफादार भी होना चाहिए। लोगों को सभी नियमों, अधिनियमों और सरकार द्वारा सुरक्षा और बेहतर जीवन के लिए बनाये गये कानूनों का पालन करना चाहिए।
उन्हें समानता और समाज में उचित समीकरण में विश्वास करना चाहिए। एक आम नागरिक बनों, किसी को भी अपराध के प्रति सहानुभूति नहीं दिखानी चाहिए और इसके खिलाफ आवाज भी उठानी चाहिए। भारत के लोग मतदान के द्वारा मुख्य-मंत्री, प्रधानमंत्री और अन्य राजनीतिक नेताओं को चुनने का अधिकार रखते हैं, इसलिए उन्हें गलत नेता को चुनने के लिए अपने वोट को बेकार नहीं करना चाहिए जो देश को भ्रष्ट करना चाहिए। हांलाकि, उन्हें अपने नेता को अच्छे से जानकर और समझ कर अपना मत देना चाहिए। उनका कर्णशील देश को स्वच्छ और सुंदर बनाना हैं। उन्हें अपने देश की ऐतिहासिक धरोहरों और पर्यटन स्थलों को नष्ट कर दिया जाना चाहिए। लोगों को दैनिक समाचारों और अन्य दैनिक गतिविधियों में देश में चल रही अच्छी और बुरी खबरों के बारे में जानने के लिए विचार करना चाहिए।