Essay on dharti ke anant upkar
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धरती को माता के समान माना जाता है। जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों के लिए अपना सब कुछ निछावर कर देती है उसी प्रकार धरती भी हम लोगों के लिए अनंत उपकार करती है। धरती का सबसे पहला उपकार तो यह है कि वह हमारा बोझ उठाती है और हमें रहने का स्थान देती है। वह हमारे भवनों को टिका रखती है।
धरती न केवल हमारे आशियाँ परन्तु हमारे उद्योगों को भी आश्रय देती है। एक कुम्हार का काम सीधा मिट्टी पर आधारित होता है।
वह अपनी उपजाऊ मिट्टी में अन्न को उत्पन्न करती है। जिससे हमें जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार - भोजन प्राप्त होता है। धरती पेड़ों का पोषण करती है। पेड़ हमारे बहुत काम आते हैं। धरती पर सुंदर फूल उगते हैं जो हमारे मन को बहलाते और खुश करते हैं। इस प्रकार धरती के अनंत उपकार हैं।
Answer:
धरती के अनेक उपकार हैं। धरती का सबसे पहला उपकार तो यह है कि वह हमारा बोझ उठाती है और हमें रहने का स्थान देती है। वह हमारे भवनों को टिका रखती है।
धरती न केवल हमारे आशियाँ परन्तु हमारे उद्योगों को भी आश्रय देती है। एक कुम्हार का काम सीधा मिट्टी पर आधारित होता है।
धरती को माता के समान माना जाता है। जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों के लिए अपना सब कुछ निछावर कर देती है उसी प्रकार धरती भी हम लोगों के लिए अनंत उपकार करती है।
वह अपनी उपजाऊ मिट्टी में अन्न को उत्पन्न करती है। जिससे हमें जीवन का सबसे महत्वपूर्ण आधार - भोजन प्राप्त होता है। धरती पेड़ों का पोषण करती है। पेड़ हमारे बहुत काम आते हैं। धरती पर सुंदर फूल उगते हैं जो हमारे मन को बहलाते और खुश करते हैं। इस प्रकार धरती के हमपर अनंत उपकार हैं।
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