Hindi, asked by jaiswalpinky1202, 3 months ago

essay on discipline or arrangement in hindi​

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Answered by mauryasangita716
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The hindi meaning of discipline is अनुशासन

हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है। हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं।

अनुशासित व्यक्ति आज्ञाकारी होता है और उसके पास उचित सत्ता के आज्ञा पालन के लिये स्व-शासित व्यवहार होता है। अनुशासन पूरे जीवन में बहुत महत्व रखता है और जीवन के हर कार्यों में इसकी जरुरत होती है।

यह सभी के लिये आवश्यक है जो किसी भी प्रोजेक्ट पर गंभीरता से कार्य करने के लिये जरुरी है। अगर हम अपने वरिष्ठों की आज्ञा और नियमों को नहीं मानेंगे तो अवश्य हमें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा और असफल भी हो सकते हैं।

हमें हमेशा अनुशासन में होना चाहिये और अपने जीवन में सफल होने के लिये अपने शिक्षक और माता-पिता के आदेशों का पालन करना चाहिये। हमें सुबह जल्दी उठना चाहिये, निययमित दिनचर्या के तहत साफ पानी पीकर शौचालय जाना चाहिये, दाँतों को साफ करने के बाद नहाना चाहिये और इसके बाद नाश्ता करना चाहिये। बिना खाना लिये हमें स्कूल नहीं जाना चाहिये। हमें सही समय पर स्वच्छता और सफाई से अपना गृह-कार्य करना चाहिये।

हमें कभी भी अपने माता-पिता की बातों का निरादर, नकारना या उन्हें दुखी नहीं करना चाहिये। हमें अपने स्कूल में पूरे यूनिफार्म में और सही समय पर जाना चाहिये। कक्षा में स्कूल के नियमों के अनुसार हमें प्रार्थना करना चाहिये। हमें अपने शिक्षकों की आज्ञा का पालन करना चाहिये, साफ लिखावट से अपना कार्य करना चाहिये तथा सही समय पर दिये गये पाठ को अच्छे से याद करना चाहिये।

हमें शिक्षक, प्रधानाध्यापक, चौकीदार, खाना बनाने वाले या विद्यार्थियों से बुरा बर्ताव नहीं करना चाहिये। हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिये चाहे वो घर, स्कूल, कार्यालय या कोई दूसरी जगह हो। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में कोई भी बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिये अपने जीवन में सफल इंसान बनने के लिये हमें अपने शिक्षक और माता-पिता की बात माननी चाहिये।

अनुशासन एक क्रिया है जो अपने शरीर, दिमाग और आत्मा को नियंत्रित करता है और परिवार के बड़ों, शिक्षकों और माता-पिता की आज्ञा को मानने के द्वारा सभी कार्य को सही तरीके से करने में मदद करता है। ये एक ऐसी क्रिया है जो अनुशासन में रह कर हर नियम-कानून को मानने के लिये हमारे दिमाग को तैयार करती है। हम अपने दैनिक जीवन में सभी प्राकृतिक संसाधनों में वास्तविक अनुशासन के उदाहरण को देख सकते हैं।

सूरज और चाँद का सही समय पर उगना और अस्त होना, सुबह और शाम का अपने सही समय पर आना और जाना, नदियाँ हमेशा बहती है, अभिभावक हमेशा प्यार करते हैं, शिक्षक हमेशा शिक्षा देते है और भी बहुत कुछ। तो फिर क्यों हम अपने जीवन में पीछे हैं, बिना परेशानियों का सामना किये आगे बढ़ने के लिये हमें भी अपने जीवन में सभी जरुरी अनुशासन का पालन करना चाहिये।

हमें अपने शिक्षक, अभिभावक और बड़ों की बातों को मानना चाहिये। हमें उनके अनुभवों के बारे में उनसे सुनना चाहिये और उनकी सफलता और असफलता से सीखना चाहिये। जब भी हम किसी चीज को गहराई से देखना और समझना शुरु करते हैं, तो ये हमें जीवन में महत्वपूर्ण सीख देता है। मौसम अपने सही समय पर आता और जाता है, आकाश बारिश करता है और रुकता है आदि सभी सही समय होती हैं जो हमारे जीवन को संतुलित बनाती है।

इसलिये, इस धरती पर जीवन चक्र को कायम रखने के लिये हमें भी अनुशासन में रहने की जरुरत है। हमारे पास अपने शिक्षक, अभिभावक, पर्यावरण, परिवार, वातावरण और जीवन आदि के प्रति बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं। मानव होने के नाते हमारे पास सोचने-समझने का, सही-गलत के बारे में फैसला करने के लिये और अपनी योजना को कार्य में बदलने के लिये अच्छा दिमाग है। इसलिये, अपने जीवन में अनुशासन के महत्व और जरुरत को जानने के लिये हम अत्यधिक जिम्मेदार हैं।

अनुशासनहीनता की वजह से जीवन में ढेर सारी दुविधा हो जाती है और व्यक्ति को गैर-जिम्मेदार और आलसी बना देता है। ये हमारे विश्वास के स्तर को कम करती है और आसान कार्यों में भी व्यक्ति को दुविधाग्रस्त रखती है। जबकि अनुशासन में होने से ये हमें जीवन के सबसे अधिक ऊंचाईयों की सीढ़ी पर ले जाती है ।

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Answered by ScanTxN
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 ⠀⠀ ⠀ अनुशासन

परिचय

 ⠀⠀ ⠀ अनुशासन एक उद्देश्य के लिए एक प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए बनाए गए नियमों और विनियमों का अनुपालन है, जैसे स्कूल में छात्रों का व्यवहार, बच्चों में सांस्कृतिक मूल्यों को विकसित करना, समाज में सद्भाव में रहना आदि।

अनुशासन क्या है?

 ⠀⠀ ⠀ अनुशासन का अर्थ है आदेश, नियमितता और कर्तव्य। अनुशासन सब कुछ सही समय पर सही तरीके से करने के बारे में है और सभी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है एक चिकनी जीवन जीने के लिए। अनुशासन नियमों और विनियमों, दिशानिर्देशों, सीमा शुल्क, आचार संहिता, परंपराओं या प्रथाओं के रूप में हो सकता है। अनुशासन को लोगों को नियमों का पालन करने के लिए प्रशिक्षण के अभ्यास या व्यवहार के एक कोड के रूप में परिभाषित किया गया है जो अनुशासनहीन होने के लिए सजा को निर्दिष्ट करता है।

अनुशासन का महत्व

 ⠀⠀ ⠀ ⠀हम सभी अपने दैनिक जीवन में विभिन्न प्रकार के अनुशासन का पालन करते हैं - घर पर, काम पर, बाजार में आदि। किसी भी प्रणाली या संस्थान के सुचारू रूप से कार्य करने के लिए, परिवार, शिक्षा, कार्यस्थल या समाज हो, अनुशासन बनाए रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक समाज में अनुशासन का मतलब है कि सभी सदस्य कुछ निर्धारित नियमों और विनियमों का पालन करते हैं। कार्यस्थल पर अनुशासन का तात्पर्य है कि कार्यालय के सभी लोग, कार्य और निर्धारित आचार संहिता को बनाए रखें। हमें कई तरीकों से अनुशासन की आवश्यकता है जैसे हम कैसे बात करते हैं, कपड़े पहनते हैं, चलते हैं, व्यवहार करते हैं आदि इसलिए बचपन से अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा है। सफल, सहज और खुशहाल जीवन जीने के लिए सभी के लिए अनुशासन बहुत आवश्यक है। अनुशासन की कमी या अनुशासन का पालन न करना समस्या, विकार या संघर्ष का कारण बनता है।

⠀⠀ ⠀ ⠀प्रारंभिक जीवन में अनुशासन: अनुशासन प्रशिक्षण जीवन के प्रारंभिक चरण से शुरू होता है। दोनों, स्कूल और घर पर, बच्चों को अनुशासन के निर्धारित नियमों का पालन करना सिखाया जाता है। शुरुआती जीवन में माता-पिता और शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। स्कूल, छात्र जीवन से शुरू करना सीखने का दौर है। छात्रों के रूप में, हम अनुशासित होना सीखते हैं - ईमानदारी से, समर्पित, विश्वास, समयनिष्ठ, बड़ों का सम्मान करें और नियमों का पालन करें। छात्र जीवन में अनुशासन व्यक्तित्व को आकार देने और चरित्र को ढालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छात्र जीवन में सीखा गया अनुशासन, जीवन का निर्माण काल, आदतों और शिष्टाचार की नींव रखता है।

स्वस्थ जीवन और अनुशासन

⠀⠀ ⠀ ⠀जीवन के लिए व्यक्ति स्वस्थ और तंदुरुस्त होना चाहिए और इसके लिए प्रारंभिक जीवन से ही कठोर अनुशासन का अभ्यास करना चाहिए। यह सर्वविदित है कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग होता है। जो अनुशासित होता है वह जीवन में ऊँचा उठता है। हमारे पास इतिहास के महापुरुषों के कई उदाहरण हैं जैसे महात्मा गांधी, स्वामी राम कृष्ण, अल्बर्ट आइंस्टीन, सभी अपने जीवन में सफल रहे क्योंकि वे एक अनुशासित जीवन जीते थे।

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