Essay on dnyan ka sabse bada shatru
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। यही जीवन की समस्त विकृतियों और कुरूपता का कारण है। कुरूपता का सम्बन्ध मनुष्य की शारीरिक बनावट से इतना नहीं है जितना अज्ञान और अविद्या से उत्पन्न होने वाली बुराइयों से। समस्त विकृतियों, बुराइयों, शारीरिक मानसिक अस्वस्थता का कारण अज्ञान और अविद्या ही है। सुख-सुविधापूर्ण जीवन बिताने के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने पर भी कई लोग अपने अज्ञान और अविद्या के कारण सन्तप्त, उद्विग्नमना, अशान्त देखे जाते हैं। इसके विपरीत ज्ञान और विद्या के धनी सन्त, महात्मा ऋषि प्रवृत्ति के व्यक्ति सामान्य साधनों में, यहाँ तक कि अभावों में भी सुख-शान्ति सन्तोष का जीवन बिता लेते हैं। जीवन के सहज आनन्द को प्राप्त करते हैं।
RiskyJaaat:
hi
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