Essay on effect of natural disaster in hindi
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एक प्राकृतिक आपदा, पृथ्वी की प्राकृतिक प्रक्रियाओं से उत्पन्न एक बड़ी घटना है। यह जीवन और संपत्ति के एक बड़े नुकसान का कारण बनती है। ऐसी आपदाओं के दौरान अपना जीवन खो देने वालों की संख्या से कहीं अधिक संख्या ऐसे लोगों की होती है जो बेघर और अनाथ होने के बाद जीवन का सामना करते हैं। यहाँ तक कि शांति और अर्थव्यवस्था भी प्राकृतिक आपदा से बुरी तरह से प्रभावित हो जाती है।
एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम का ही परिणाम है (जैसे कि हिमस्खलन, भूकंप, ज्वालामुखी, बाढ़, सूनामी, चक्रवाती तूफ़ान, बर्फानी तूफ़ान, ओलावृष्टि आदि) जो कि मानव गतिविधियों को प्रभावित करता है। मानव दुर्बलताओं को उचित योजना और आपातकालीन प्रबंधन का अभाव और बढ़ा देता है, जिसकी वजह से आर्थिक, मानवीय और पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है।
आज पृथ्वी में अनेक तरह की प्राकृतिक आपदा से हर साल जान-माल का बहुत भारी नुकसान होता है। ये आपदाएँ अचानक आकर कुछ पलों में सब कुछ स्वाहा कर देती है। मनुष्य जब तक कुछ समझ पाता है, तब तक यह आपदा उसका सब कुछ तबाह कर चुकी होती है। इन आपदाओं से बचने के लिए ना ही उसके पास कोई कारगर उपाय है और न ही कोई कारगर यंत्र।
Answer:
प्राकृतिक आपदा अपने साथ बहुत सारा विनाश लेकर आती है। इससे धन-जन का भारी नुकसान होता है। मकान, घर, इमारते, पुल, सड़के टूट जाती है। करोड़ो रुपये का नुकसान हो जाता है।
रेल, सड़क, हवाईमार्ग बाधित हो जाता है। वन्य जीव नष्ट हो जाते है, वातावरण प्रदूषित हो जाता है। वन नष्ट हो जाते है, परिस्तिथिकी तंत्र को नुकसान पहुचता है। जिस शहर, देश में भूकंप, बाढ़, सुनामी, तूफ़ान, भूस्खलन जैसी आपदा आती है वहां पर सब कुछ नष्ट हो जाता है।
लाखो लोग बेघर हो जाते हैं। फोन सम्पर्क टूट जाता है। जलवायु परिवर्तित हो जाती है। लाखो लोग अचानक से काल के गाल में समा जाते हैं। प्राकृतिक आपदा हमेशा अपने पीछे भयंकर विनाश छोड़ जाती है। शहर को दोबारा बनाने में फिर से संघर्ष करना पड़ता है।
करोड़ो रुपये फिर से खर्च करने पड़ते है। बाढ़, मूसलाधार बारिश, ओलावृष्टि जैसी आपदा सभी फसलों को नष्ट कर देती है जिससे देश में अनाज की कमी हो जाती है। लोग भुखमरी का शिकार हो जाते हैं। सूखा, महामारी जैसी प्राकृतिक आपदा आने से पूरे प्रदेश में बीमारी फ़ैल जाती है जिससे हजारो लोग मौत का शिकार बन जाते हैं।