essay on environment in hindi for class 10
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वातावरण एक प्राकृतिक परिवेश है जो पृथ्वी नामक इस ग्रह पर जीवन को विकसित, पोषित और नष्ट होने में मदद करता है। प्राकृतिक वातावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में एक बड़ी भूमिका निभाता है और यह मनुष्यों, पशुओं और अन्य जीवित चीजो को बढ़ने और स्वाभाविक रूप से विकसित होने में मदद करता है। लेकिन मनुष्य के कुछ बुरे और स्वार्थी गतिविधियों के कारण हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है और हर किसी को हमारे पर्यावरण को कैसे बचाया जाये और इसे सुरक्षित रखने के बारे में जानना चाहिए ताकि इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को जारी रखने के लिए प्रकृति का संतुलन सुनिश्चित हो सके|जैसा की हम सब लोग पर्यावरण से भली भाति परिचित है, पर्यावरण वह है जो प्रकिृतिक रूप से हमारे चारो तरफ है और पृथ्वी पर हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। जो हवा हम हर पल सांस लेते है, पानी जो हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते है, पौधें, जानवर और अन्य जीवित चीजे यह सब पर्यावरण के तहत आता है। जब प्राकृतिक चक्र किसी भी गड़बड़ी के बिना साथ साथ चलता रहे तब एक पर्यावरण स्वस्थ वातावरण कहा जाता है| प्रकृति के संतुलन में किसी भी प्रकार का बाधा वातावरण को पूरी तरह प्रभावित करता है जो की मानव जीवन का नाश कर देता है|
इंसान की उन्नत जीवन स्तर के युग में, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वनों की कटाई, जल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, अम्ल वर्षा और तकनीकी प्रगति के माध्यम से मनुष्यो द्वारा किये गए अन्य खतरनाक आपदाओं के रूप में हमारा प्रदुषण काफी हद तक प्रभावित हो रहा है| हम सभी को हमारे प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए और इसे सामान्य रूप से सुरक्षित रखने के लिए एक साथ शपथ लेनी चाहिए।
पर्यावरण का मतलब है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि अब कुछ तकनीकी उन्नति परिणाम स्वरुप मानव निर्मित चीजे वातावरण को कई प्रकार से विकृत कर रहीं हैं जोकि अंततः प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है। हम अपने जीवन को साथ ही साथ इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं|
इंसान की उन्नत जीवन स्तर के युग में, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वनों की कटाई, जल प्रदूषण, मिट्टी प्रदूषण, अम्ल वर्षा और तकनीकी प्रगति के माध्यम से मनुष्यो द्वारा किये गए अन्य खतरनाक आपदाओं के रूप में हमारा प्रदुषण काफी हद तक प्रभावित हो रहा है| हम सभी को हमारे प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए और इसे सामान्य रूप से सुरक्षित रखने के लिए एक साथ शपथ लेनी चाहिए।
पर्यावरण का मतलब है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे की भूमि, वायु, जल, पौधें, पशु, ठोस सामग्री, कचरा, धूप, जंगल और अन्य वस्तु। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही साथ पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को बढ़ने, पोषित और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि अब कुछ तकनीकी उन्नति परिणाम स्वरुप मानव निर्मित चीजे वातावरण को कई प्रकार से विकृत कर रहीं हैं जोकि अंततः प्रकृति के संतुलन को बिगाड़ रही है। हम अपने जीवन को साथ ही साथ इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं|
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