Essay on fashion ki hod mein bigadta budget
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उत्तर :
फैशन करो तो समस्या । फैशन न करो तो समस्या। पता नहीं क्यों आज सब फैशन के पीछे भागते हैं। पता नहीं क्या है यह फैशन और क्यों है यह फैशन।
आज फैशनपरस्ती के कारण कई दुष्परिणाम दिखाई दे रहे है. अब धार्मिक क्रियाओं और अनुष्ठानों को दकियानूसी आचरण माना जाता है | युवक-युवतियों की वेशभूषा काम वासना को जाग्रत करने वाली बन गई है. |
तड़क-भड़क एवं आकर्षक वस्त्रों पर काफी धन खर्च किया जा रहा है | सिनेमाओं तथा दूरदर्शन पर ऐसे नग्न अश्लील द्रश्य दिखाए जाते है, चुम्बन, आलिंगन एवं सेक्स का खुलकर प्रचार होता है |
समय के अनुसार स्वयं को ढालना ठीक है | परन्तु कोरे फैशन के मोह में पड़कर स्वयं को अंध पतन की ओर धकेलना ठीक नही है | सामाजिक जीवन में बढ़ते हुए फैशन का जो दुष्प्रभाव पड़ रहा है, वह प्राय सभी को ज्ञात है | लेकिन इसका कोई विरोध नही कर पा रहा है |
इस फैशन में लोग अपने बजट को बिगाड़ लेते हैं ।मगर सजना संवरना बंद नहीं करते हैं। फैशन आज के समाज में एक आंधी जिससे कोई नहीं बच सकता।