Hindi, asked by shetty2004, 1 year ago

essay on हार का महत्व ​

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Answered by Sachwani
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अनवरत जीत हमें विश्व का एक ही रूप दिखाती है, जबकि हार चित्र के दूसरे रूप को भी स्पष्ट करती है। अमेरिकी उपन्यासकार और ऐक्टर ट्रूमैन कैपोट का कहना है कि, विषम परिस्थितियां ही महान सफलता का कारण बनी हैं। असफलता वह मसाला है जो सफलता का स्वाद देता है। अत: मानसिक और शारीरिक संतुलन बना रहे इसके लिए हार और जीत, दुख और सुख का सामना धैर्य एवं शालीनता से किया जाए। दुख या पराजय के क्षणों में हमारा आंतरिक-बल प्रकट होता है, जो इन क्षणों में हमें टूटने से बचाता है। उस समय में स्वयं के प्रयासों और भगवान में विश्वास रखा जाए तो हर उलझन के सुलझने का मार्ग मिल जाता है। ईश्वर कोई जादू नहीं करता। वह किसी न किसी रूप में साहस, विश्वास आदि देकर हमें सफल होने के लिए प्रेरित करता है। वह सामर्थ्य और सहायता देता है, जो कभी हमारे किसी मित्र की ओर से आती है, तो कभी प्रकृति हमारे प्रति अनुकूल वातावरण बना देती है। जीवन के प्रत्येक क्षण हार या जीत सभी का अपना महत्व है।

जीत पर अहंकार के मद में न फूलना, अपनी विजयश्री के पुष्प की सुगंध अपने आसपास फैलाना, हमारे हृदय की विशालता और हमारे संस्कारों का परिचायक होती है। लेकिन इस रहस्य को वही लोग जान पाते हैं, जो जीवन की दौड़ पूर्ण परिश्रम एवं शालीनता से दौड़ते हैं। उनका सारा ध्यान दौड़ पर ही केंद्रित रहता है। उन्हें इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि दौड़ में उनकी जीत होती है या हार होती है। ऐसे निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्य का पालन करने वालों के लिए जीत तो जीत है ही, हारने वालों के लिए हार ही आदर और सम्मान का माध्यम बन जाती है। उस जीत से हार श्रेयस्कर होती है, जिस जीत से हमारे अंदर अहंकार आता हो।

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