Hindi, asked by Pramilarashmi77, 3 months ago

essay on hamara vidalaya in hindi

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Answered by Anonymous
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सभी विद्यार्थियों के लिए किसी न किसी खेल में भाग लेना अनिवार्य है। हमारे स्कूल के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। ... उपसंहार- इस प्रकार हमारा विद्यालय हर प्रकार से अच्छा है। सुन्दर विशाल भवन, अच्छा खुला वातावरण, अनुशासन, अच्छे अध्यापक सभी ने मिलकर विद्यालय को आदर्श विद्यालय बना दिया है।

Answered by krupa212010106
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हमारा विद्यालय

भूमिका- मुझे कई विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिला है। प्रायः प्रत्येक विद्यालय अच्छा ही था, जिस विद्यालय में मैं आजकल पढ़ रहा हूँ, वह हर दृष्टि से बहुत अच्छा है। मेरे विद्यालय का नाम महर्षि दयानंद आदर्श विद्यालय है।

स्थिति- मेरा विद्यालय गुड़गाँव के सेक्टर 35 में स्थित है। यह बहुत विस्तृत है। यह नगर से दूर अत्यन्त शान्त वातावरण में स्थित है। यहाँ के शान्त वातावरण में बैठकर पढ़ने का बहुत आनंद आता है। इसके चारों ओर दूर दूर तक फैली हरियाली बहुत अच्छी लगती है।

भवन- विद्यालय का भवन बहुत ही शानदार है। इसमें एक बहुत बड़ा हाल है। यहाँ 500 से भी अधिक छात्र एक साथ बैठकर प्रार्थना सभा में भाग लेते हैं। इस भवन में हाल के अतिरिक्त 40 के लगभग कमरे हैं। सभी कमरे विशाल, हवादार और प्रकाश वाले हैं। सभी विषयों की प्रयोगशाला के लिए अलग अलग कक्ष हैं। अध्यापक कक्ष भी अत्यन्त सुन्दर है। लड़के और लड़कियों के लिए दो अलग अलग कमरे हैं। इन कमरों में मध्यान्तर में लड़के और लड़कियां बैठकर खाना खाते हैं।

प्राचार्य कक्ष- प्राचार्य महोदय के लिए एग अलग कक्ष है। इस कक्ष में बैठे बैठे ही प्राचार्य महोदय सारे विद्यालय में चल रही घटनाओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं। इस कक्ष में कक्षा समय सारिणी और अध्यापक समय सारिणी भी दीवार पर लटकी दिखाई देती है। इस कक्ष में अनेक महापुरूषों के चित्र भी दीवार पर सजे खड़े हैं।

पुस्तकालय- हमारे विद्यालय में एक विशाल पुस्तकालय भी है। इस में विभिन्न विषयों की पुस्तकें हैं। इस पुस्तकालय में हिन्दी अंग्रेजी के दैनिक समाचार पत्र और कई महत्वपूर्ण मासिक अर्धवार्षिक और वार्षिक पत्रिकाएँ भी आती हैं। हमारे विद्यालय में विद्यालय पत्रिका भी छपती है। इस ‘पत्रिका’ के कई अंक स्थान स्थान पर पड़े दिखाई देते हैं। पुस्कालयाध्यक्ष बहुत ही परिश्रमी और अच्छे व्यक्ति हैं।

अध्यापक- हमारे विद्यालय के अध्यापक बहुत ही परिश्रमी विद्वान और छात्रों के हित का ध्यान रखने वाले हैं। ये हमें बहुत ही परिश्रम और लगन से पढ़ाते हैं। वे हमें लिखित कार्य का भी अभ्यास कराते हैं। हमारे लिखित कार्य को सावधानीपूर्वक देखते हैं और हमारी अशुद्धियों की ओर हमारा ध्यान दिलाते हैं। इससे हमें शुद्ध भाशा सीखने और उसका शुद्ध प्रयोग करने में सहायता मिलती है।

अनुशासन- हमारे विद्यालय में सभी अनुशासनपूर्वक रहते हैं। सभी कार्य नियत समय पर होता है। अध्यापक समय पर घंटी बजते ही अपनी कक्षाओं में जाते हैं और समय से पहले वे कभी अपनी कक्षा को नहीं छोड़ते। यहाँ का अनुशासन कमरों तक ही सीमित नहीं है। खेल के मैदान में भी हम अनुशासन का पालन करते हैं।

खेल- हमारे विद्यालय में खेल कूद को भी बहुत महत्व दिया जाता है। सभी विद्यार्थियों के लिए किसी न किसी खेल में भाग लेना अनिवार्य है। हमारे स्कूल के विद्यार्थी खेल में बहुत रूचि लेते हैं। हमारे विद्यालय के खिलाड़ी कई खेलों में पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।

परिणाम- हमारे विद्यालय का परिणाम बहुत अच्छा रहता है। प्रायः हमारे विद्यालय का परिणाम शत प्रतिशत रहता है। परिणाम के अच्छा रहने, अनुशासन अच्छा होने तथा खेलों का भी अच्छा प्रबंध होने के कारण शहर के सभी अभिभावक इस विद्यालय में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाना चाहते हैं।

उपसंहार- इस प्रकार हमारा विद्यालय हर प्रकार से अच्छा है। सुन्दर विशाल भवन, अच्छा खुला वातावरण, अनुशासन, अच्छे अध्यापक सभी ने मिलकर विद्यालय को आदर्श विद्यालय बना दिया है। विद्यालय की चहुँमुखी उन्नति के श्रेय वास्तव में हमारे प्रधानाचार्य महोदय को है।

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