Essay on health and education in hindi#Not health education
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Explanation:
स्वास्थ्य पर निबंध ---
लोकप्रिय धारणा के विपरीत स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक रूप से फिट और किसी भी बीमारी से मुक्त होना नहीं होता है इसका मतलब यह भी है कि एक व्यक्ति का समग्र विकास होना चाहिए। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंध रखना, अच्छे संज्ञानात्मक कौशल होना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।
स्वस्थ होना एक स्थिति नहीं है यह जीवन जीने का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है। अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आपको हर दिन उचित आहार चाहिए। आप सप्ताह में दो दिन पौष्टिक आहार लेकर और बाकी के दिन जंक खाना खा कर स्वस्थ नहीं रह सकते हैं। इसी प्रकार लगातार 24 घंटे सोकर अगले तीन दिनों तक जागते नहीं रह सकते। स्वस्थ रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरा समृद्ध आहार खाने के अलावा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दैनिक आहार में पर्याप्त नींद और व्यायाम भी होना चाहिए।
यह भी जरुरी है कि जो लोग सकारात्मकता की सोच से भरे हुए हैं आप उनके साथ रहें और अपने आपको परेशानी में डालने की बजाए बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करें। सामाजिक रूप से सक्रिय होने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा अपने भीतर भी झांकना जरूरी है। कुछ समय अपने साथ बिताएं ताकि आप अपनी आवश्यकताओं को बेहतर समझ सकें और सही दिशा में अपना जीवन जी सकें। अपने समग्र स्वास्थ्य को बरकरार रखने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
शिक्षा का महत्व पर निबंध |
”तमसो मा ज्योतिर्गमय” अर्थात् अधंकार से मुझे प्रकाश की ओर ले जाओ- यह प्रार्थना भारतीय संस्कृति का मूल स्तम्भ है । प्रकाश में व्यक्ति को सब कुछ दिखाई देता है, अन्धकार में नहीं ।
प्रकाश से यहाँ तात्पर्य ज्ञान से है । ज्ञान से व्यक्ति का अंधकार नष्ट होता है । उसका वर्तमान और भावी जीने योग्य बनता है । ज्ञान से उसकी सुप्त इन्द्रियाँ जागृत होती हैं । उसकी कार्य क्षमता बढ़ती है जो उसके जीवन को प्रगति पथ पर ले जाती है ।
शिक्षा का क्षेत्र सीमित न होकर विस्तृत है । व्यक्ति जीवन से लेकर मृत्यु तक शिक्षा का पाठ पढ़ता है । प्राचीन काल में शिक्षा गुरुकुलों में होती थी । छात्र पूर्ण शिक्षा ग्रहण करके ही घर वापिस लौटता था । लेकिन आज जगह-जगह सरकारी और गैर-सरकारी विद्यालयों में शिक्षण कार्य होता है ।
वहां पर शिक्षक भिन्न-भिन्न विषयों की शिक्षा देते हैं । छात्र जब पढ़ने के लिए जाता है तब उसका मानसिक स्तर धीरे-धीरे ऊपर उठने लगता है। उसके मस्तिष्क में तरह-तरह के प्रश्न उठते हैं जैसे- तारे कैसे चमकते हैं ? आकाश में व्यक्ति कैसे पहुँच जाता है ? पृथ्वी गोल है या चपटी ? रेडियो में ध्वनि और टेलीविजन में तस्वीर कैसे आती है ?
इन सब प्रश्नों का उत्तर हमें शिक्षा के द्वारा मिलता है । जैसे-जैसे हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ते जाते हैं, वैसे-वैसे हमारा ज्ञान विस्तृत होता जाता है । ज्ञान का अर्थ केवल शब्द ज्ञान नहीं अपितु अर्थ ज्ञान है । यदि सम्पूर्ण पड़े हुए विषय का अर्थ न जाना जाए तो यह गधे की पीठ पर रखे हुए चंदन के भार की भांति परिश्रम कारक या निरर्थक होता है ।
अर्थात् जिस तरह चन्दन की लकड़ी को ढोने वाला गधा केवल उस के भार का ही ज्ञान रखता है किन्तु चन्दन की उपयोगिता को नहीं जान सकता । उसी प्रकार जो विद्वान अनेक शास्त्रों का अध्ययन बिना अर्थ समझे करें वह उन गधों की भांति ग्रन्थ-भार मात्र के वाहक हैं ।
विद्या सर्वश्रेष्ठ धन है । इसे चोर भी चुरा नहीं सकता । जो दूसरों को देने पर बढ़ता है । विदेश में विद्या ही अच्छा मित्र है । विद्या से विनय, विनय से योग्यता, योयता से धन और धर्म, धर्म से सब सुख प्राप्त होते हैं । ज्ञान से बुद्धि तीव्र होती है ।
Explanation:
We all know that health education has become very important nowadays. It refers to a career where people are taught about healthcare. Professionals teach people how to maintain and restore their health. In other words, health does not merely refer to physical but also mental, social and sexual health. Health education aims to enhance health literacy and develop skills in people which will help them maintain good health.
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