essay on holi in hindi
Answers
Answered by
28
होली निबंध 1 (100 शब्द)
होली रंगों का त्योहार है जिसे हर साल फागुन के महीने में (मार्च) हिन्दू धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। उत्साह से भरा ये त्योहार हमारे लिये एक दूसरे के प्रति स्नेह और निकटता लाती है। इसमें लोग आपस में मिलते है, गले लगते है और एक दूसरे को रंग और अबीर लगाते है। इस दौरान सभी मिलकर ढ़ोलक, हारमोनियम तथा करताल की धुन पर धार्मिक और फागुन गीत गाते है। इस दिन पर हमलोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, पानी-पूरी तथा दही-बढ़े आदि खाते है। होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

होली निबंध 2 (150 शब्द)
हिन्दूओं के द्वारा दिवाली की तरह ही होली भी व्यापक तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार है। ये फागुन महीने में आता है जो वसंत ऋतु के फागुन महीने में आता है जिसे वसंत ऋतु की भी शुरुआत माना जाता है। हर साल होली को मनाने की वजह इसका इतिहास और महत्व भी है। बहुत साल पहले, हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक द्ष्ट बहन थी होलिका जो अपने भाई के पुत्र प्रह्लाद को अपने गोद में बिठा कर जलाना चाहती थी। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे जिन्होंने होलिका के आग से प्रह्लाद को बचाया और उसी आग में होलिका को राख कर दिया। l तभी से हिन्दु धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई के विजय के रुप में हर साल होली का त्योहार मनाते है। रंगों के इस उत्सव में सभी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर दिनभर होली का जश्न मनाते है।
होली निबंध 3 (200 शब्द)
होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दु धर्म के लोग हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन (मार्च) के महीने में आता है जो दिवाली की तरह सबसे ज्यादा खुशी देने वाला त्योहार है। ये हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुंदर और रंगीन नजर आते है।
होली रंगों का त्योहार है जिसे हर साल फागुन के महीने में (मार्च) हिन्दू धर्म के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते है। उत्साह से भरा ये त्योहार हमारे लिये एक दूसरे के प्रति स्नेह और निकटता लाती है। इसमें लोग आपस में मिलते है, गले लगते है और एक दूसरे को रंग और अबीर लगाते है। इस दौरान सभी मिलकर ढ़ोलक, हारमोनियम तथा करताल की धुन पर धार्मिक और फागुन गीत गाते है। इस दिन पर हमलोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, पानी-पूरी तथा दही-बढ़े आदि खाते है। होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

होली निबंध 2 (150 शब्द)
हिन्दूओं के द्वारा दिवाली की तरह ही होली भी व्यापक तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार है। ये फागुन महीने में आता है जो वसंत ऋतु के फागुन महीने में आता है जिसे वसंत ऋतु की भी शुरुआत माना जाता है। हर साल होली को मनाने की वजह इसका इतिहास और महत्व भी है। बहुत साल पहले, हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक द्ष्ट बहन थी होलिका जो अपने भाई के पुत्र प्रह्लाद को अपने गोद में बिठा कर जलाना चाहती थी। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे जिन्होंने होलिका के आग से प्रह्लाद को बचाया और उसी आग में होलिका को राख कर दिया। l तभी से हिन्दु धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई के विजय के रुप में हर साल होली का त्योहार मनाते है। रंगों के इस उत्सव में सभी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर दिनभर होली का जश्न मनाते है।
होली निबंध 3 (200 शब्द)
होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दु धर्म के लोग हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन (मार्च) के महीने में आता है जो दिवाली की तरह सबसे ज्यादा खुशी देने वाला त्योहार है। ये हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुंदर और रंगीन नजर आते है।
Rudransh98:
wlcm
Answered by
20
होली का त्यौहार भारत में फाल्गुन मास के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। ये हिन्दु धर्म में खुशीयों का रंगीन उत्सव है। जो रंगो से खेलकर मनाया जाता है। कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं हर घर में। सभी मिलजुल कर ये त्यौहार प्रेम से मनाते हैं। इस रंगीन उत्सव के वक्त पूरा वातावरण खुशनुमा हो जाता है। प्रकृति की सुदंरता भी मनमोहक होती है।
प्रारंभ की कहानी-होली के उत्सव के पीछे एक रोचक कहानी है जिसका काफी महत्व है। पुरातन काल में राजा हिरण्यकश्यप एवं उसकी बहन होलिका के अहंकार और हिरण्यकश्यप के पुत्र बालक प्रह्लाद की भक्ति से इस उत्सव की शुरूआत हुई थी। राजा हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझता था। और यही चाहता था कि सभी उसी की भक्ति और पूजा करें। पर प्रह्लाद भगवान विष्णु की उपासना करते थे। अपनी प्रजा के साथ-साथ वो अपने पुत्र पर भी अत्याचार करता था। जब उसके सभी उपाय व्यर्थ साबित हो गए प्रह्लाद पर। तब होलिका ने अपने भाई के साथ मिलकर प्रह्लाद को जला डालने की योजना बनायी। जिसमें अपनी गोद में प्रह्लाद को बैठाकर वो आग की चिता में बैठ गयी। होलिका को एक चुनरी वरदान में मिली थी। जिसे ओढ़कर अगर वो अग्नि के समीप जाए तो उसे अग्नि छु भी नहीं पाएगी। पर प्रह्लाद की सच्ची भक्ति के आगे उनकी एक ना चली। प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ पर उस अग्नि चिता पर होलिका भस्म हो गयी। उस दिन से होली का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है। अहंकार पर आस्था और विश्वास की जीत पर।
प्रारंभ की कहानी-होली के उत्सव के पीछे एक रोचक कहानी है जिसका काफी महत्व है। पुरातन काल में राजा हिरण्यकश्यप एवं उसकी बहन होलिका के अहंकार और हिरण्यकश्यप के पुत्र बालक प्रह्लाद की भक्ति से इस उत्सव की शुरूआत हुई थी। राजा हिरण्यकश्यप खुद को भगवान समझता था। और यही चाहता था कि सभी उसी की भक्ति और पूजा करें। पर प्रह्लाद भगवान विष्णु की उपासना करते थे। अपनी प्रजा के साथ-साथ वो अपने पुत्र पर भी अत्याचार करता था। जब उसके सभी उपाय व्यर्थ साबित हो गए प्रह्लाद पर। तब होलिका ने अपने भाई के साथ मिलकर प्रह्लाद को जला डालने की योजना बनायी। जिसमें अपनी गोद में प्रह्लाद को बैठाकर वो आग की चिता में बैठ गयी। होलिका को एक चुनरी वरदान में मिली थी। जिसे ओढ़कर अगर वो अग्नि के समीप जाए तो उसे अग्नि छु भी नहीं पाएगी। पर प्रह्लाद की सच्ची भक्ति के आगे उनकी एक ना चली। प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ पर उस अग्नि चिता पर होलिका भस्म हो गयी। उस दिन से होली का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है। अहंकार पर आस्था और विश्वास की जीत पर।
Similar questions
English,
7 months ago
Biology,
7 months ago
Social Sciences,
1 year ago
Math,
1 year ago
Hindi,
1 year ago