Hindi, asked by sndp1857, 10 months ago

essay on "Holi"in hindi​

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Answered by MahatmaGandhi11
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फाल्गुन मास की पुर्णिमा को यह त्योहार मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुड़ीं हैं। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।  

भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।

प्रह्लाद के पिता ने आखर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।  

यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है। इस दिन लोग प्रात:काल उठकर रंगों को लेकर अपने नाते-रिश्तेदारों व मित्रों के घर जाते हैं और उनके साथ जमकर होली खेलते हैं। बच्चों के लिए तो यह त्योहार विशेष महत्व रखता है। वह एक दिन पहले से ही बाजार से अपने लिए तरह-तरह की पिचकारियां व गुब्बारे लाते हैं। बच्चे गुब्बारों व पिचकारी से अपने मित्रों के साथ होली का आनंद उठते हैं।

सभी लोग बैर-भाव भूलकर एक-दूसरे से परस्पर गले मिलते हैं। घरों में औरतें एक दिन पहले से ही मिठाई, गुझिया आदि बनाती हैं व अपने पास-पड़ोस में आपस में बांटती हैं। कई लोग होली की टोली बनाकर निकलते हैं उन्हें हुरियारे कहते हैं।  

ब्रज की होली, मथुरा की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, काशी की होली पूरे भारत में मशहूर है।

Answered by ItzSanam126
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                              होली

होली पूरे भारत में हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला रंगों का त्योहार है। हिंदू होली को प्रेम और खुशी के त्योहार के रूप में मनाते हैं, दुश्मनी, लालच, घृणा और प्रेम और नएपन के नए जीवन को अपनाते हैं।

फाल्गुन के हिंदू कैलेंडर माह में वसंत ऋतु में होली मनाई जाती है, जिसे आमतौर पर मार्च के ग्रेगोरियन कैलेंडर महीने या कभी-कभी फरवरी के अंत में भी मनाया जाता है। होलिका दहन के साथ पूर्णिमा की रात यह दो दिवसीय त्योहार है। अगले दिन मुख्य होली का त्यौहार मनाया जाता है। यह भी फसल के साथ मेल खाता है और गेहूं फलता है।

वसंत सर्दियों के अंत का प्रतीक है और गर्मियों से पहले होता है। इसलिए, वसंत की जलवायु विशेष रूप से मनभावन होती है, जब फूल उगते हैं, तो होली को रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है, प्रकृति की वसंत सुंदरता और अच्छी फसल के लिए।

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